RBI गवर्नर ने GST के फायदे गिनातें हुए कहा- इससे एक राष्ट्रीय बाजार बनाने में मिलेगी मदद, घटेगा टैक्स बोझ
RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा GST से न केवल एक राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, टैक्स आधार बढ़ेगा और लॉन्ग टर्म में टैक्स का बोझ कम होगा।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) से न केवल एक राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे टैक्स आधार भी बढ़ेगा और लॉन्ग टर्म में कुल टैक्स का बोझा कम होगा। आपको बता दें आज से 8 दिन बाद यानी 1 जुलाई से देश में GST लागू हो जाएगा। यह भी पढ़े: RBI का आम आदमी के हित में बड़ा आदेश, कहा- बैंक नहीं कर सकते गंदे और लिखे नोट लेने से इनकार
पटेल गिनाएं GST के फायदे
उन्होंने कहा कि नई समान कराधान व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे कर आधार व्यापक होगा और अन्य पहलों मसलन ई भुगतान और डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। पटेल ने कहा कि जीएसटी से न केवल राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्यों के बीच वस्तुओं के राज्य के भीतर या देश में परिवहन के दौरान कई तरह की खामियों को दूर किया जा सकेगा। फिनटेक की चर्चा करते हुए गवर्नर ने कहा कि वित्तीय सेवाओं में प्रौद्योगिकी आधारित इनोवेशन से वित्तीय क्षेत्र के स्थायित्व को लेकर अवसर और जोखिम दोनों पैदा होंगे और नीति निर्माताओं, नियामकों और निरीक्षकों को इन मुद्दों का हल निकालना होगा। यह भी पढ़े: GST से पहले सस्ती हुई यह प्रीमियम बाइक, यूएम लोहिया ने रेनगेड स्पोर्ट्स व कमांडो के दाम 5,700 रुपए तक घटाए
‘जीएसटी खुद डिजिटल क्रांति का हिस्सा’
पटेल ने आईएमसी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी खुद डिजिटल क्रांति का हिस्सा है। इसमें टैक्स दायरे को उल्लेखनीय रूप से विस्तृत करने करने की क्षमता है। आपको बता दें कि जीएसटी के लिए चार कर स्लैब तय किए गए हैं। जीएसटी को 30 जून मध्यरात्रि को लागू करने की घोषणा की जाएगी। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों ने GST के क्रियान्यवन से संबंधित कानूनों को पारित कर दिया है। यह भी पढ़े: RBI ने जारी किया नई सीरीज वाला 500 रुपए का नया नोट, जानिए क्या है इसमें खास
‘आईटी रोजगारों को लेकर निराश नहीं’
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि वह सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में रोजगार आउटलुक को लेकर ज्यादा निराश नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि नौकरियों में किसी भी तरह की कमी की भरपाई स्टार्टअप कर सकते हैं।पटेल का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि आईटी उद्योग के संगठन नासकाम ने 2017 18 में निर्यात कारोबार में 78 प्रतिशत बढोतरी का अनुमान लगाया है। यह पूर्व विा वर्ष में 8.6 प्रतिशत रही थी। हाल ही में आईटी कंपनियों द्वारा छंटनियों की अनेक खबरें मीडिया में छपी हैं। आईटी क्षेत्र में रोजगार परिदृश्य को लेकर चिंताओं के बारे में पटेल ने यहां कहा,मुझो लगता है कि हमें इस स्तर पर अधिक निराशावादी होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ आईटी क्षेत्रों में रोजगार का दबाव हो सकता है लेकिन बड़ी संख्या में शुरू हो रहे स्टार्टअप :नयी पीढ़ी की फर्म: इसकी कुछ भरपाई कर रही हैं। यह भी पढ़े: अब इन 3 बड़ी डिफॉल्टर कंपनियों पर है बैंकों की नजर, एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है बकाया