इस सप्ताह पेमेंट्स बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे RBI गवर्नर, समस्याओं को समझने की करेंगे कोशिश
अभी तक सात पेमेंट्स बैंक अपना परिचालन शुरू कर चुके हैं।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि वह पेमेंट्स बैंकों की दिक्कतों एवं उनकी समस्याओं को समझने के लिए इस सप्ताह उनके प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। अभी तक सात पेमेंट्स बैंक अपना परिचालन शुरू कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देश में फिनटेक को बढ़ावा देने के मद्देनजर रिजर्व बैंक की निगरानी में छोटी कंपनियों को नवोन्मेष (रेग्यूलेटरी सैंडबॉक्स) की सुविधा देने को लेकर अगले दो महीने में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सैंडबॉक्स तरीका एक ऐसा माध्यम है, जो किसी नई टेक्नोलॉजी या प्रणाली को अमल में लाने से पहले प्रयोग करने और सीखने की सहूलियत देता है।
वित्त वर्ष 2019-20 में एमपीसी की होगी छह बैठक
रिजर्व बैंक ने कहा है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगले वित्त वर्ष में छह बैठकें होंगी। एमपीसी नीतिगत दर के बारे में निर्णय करती है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक 2 से 4 अप्रैल को होगी। नीति की घोषणा 4 अप्रैल को की जाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली समिति में केंद्रीय बैंक के दो प्रतिनिधि तथा तीन बाहरी सदस्य होते हैं। बाहर सदस्यों में भारतीय सांख्यिकी संस्थान के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ की निदेशक पामी दुआ तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद के प्रोफेसर रवीन्द्र एच. ढोलकिया हैं। आरबीआई के अनुसार एमपीसी की दूसरी बैठक 3,4 और 6 जून को, तीसरी बैठक 5 से 7 अगस्त को, चौथी बैठक 1, 3 और 4 अक्टूबर को, पांचवीं बैठक 3 से 5 दिसंबर तथा छठी बैठक 4 से 6 फरवरी 2020 को होगी।
भारतीय लेखा मानकों का क्रियान्वयन टला
रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड एएस) लागू करने को एक बार फिर टाल दिया। इसका कारण जरूरी विधायी संशोधन का अभी भी विचाराधीन होना है। इससे पहले, अप्रैल 2018 में केंद्रीय बैंक ने भारतीय लेखा मानकों के क्रियान्वयन को एक साल के लिए टाल दिया था।
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा सुझाये गए विधायी संशोधन अभी भारत सरकार के विचाराधीन है। इसीलिए हमने अगले नोटिस तक भारतीय लेखा मानकों के क्रियान्वयन को टाल दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2016 में बैंकों के लिए नए लेखा मानकों को एक अप्रैल 2018 से लागू किए जाने का प्रस्ताव किया था।