रिजर्व बैंक ने फसल ऋण पर ब्याज सहायता योजना को मई अंत तक बढ़ाया
कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए बढ़ाया गया समय
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए किसानों के लिए दो प्रतिशत की ब्याज सहायता योजना और कर्ज के समय पर भुगतान के लिए तीन प्रतिशत ब्याज प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया है। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर बैंकों को किसानों के फसल ऋण पर ब्याज सहायता योजना और त्वरित भुगतान प्रोत्साहन अवधि को बढ़ाने का निर्देश दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से लोगों की आवाजाही पर अंकुश है। इस वजह से किसान अपने छोटी अवधि के कृषि कर्ज के बकाये का भुगतान करने के लिए बैंक शाखाओं तक नहीं जा पा रहे हैं।
केंद्रीय बैंक के 27 मार्च, 2020 के सर्कुलर के अनुसार एक मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक तीन माह के लिए छोटी अवधि के फसल ऋण सहित सभी ऋणों की किस्त के भुगतान पर तीन माह की रोक रहेगी। यह सुविधा किसानों को तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल ऋण पर मिलती है। कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए देश 21 दिन का लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था। बाद में इसे 19 दिन और बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस कदम से किसानों को लाभ होगा। इससे उन्हें मई अंत तक ब्याज सहायता योजना और ब्याज प्रोत्साहन का लाभ मिल सकेगा। किसानों को तीन लाख रुपये का लघु अवधि का फसल ऋण सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया जाता है। इसमें से दो प्रतिशत सरकार वार्षिक आधार पर बैंकों को ब्याज सहायता के रूप में देती है। वहीं, समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में अतिरिक्त तीन प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप छूट दी जाती है। ऐसे किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत बैठती है।