सिंगापुर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कल होने वाली छठी दोमाही नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है। सिंगापुर के प्रमुख बैंक डीबीएस ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में कहा, बाजार में स्थिरता के बीच हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक दो फरवरी को पॉलिसी रेट को स्थिर रखेगा। 2015 के ब्याज दरों में कुल 1.25 फीसदी की कटौती हुई, जिसके बाद रेपो रेट 6.75 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर आ गए।
मार्च या अप्रैल में 0.25 फीसदी कटौती की संभावना
बैंक ने कहा, कैश रिजर्व रेशियो में भी बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है। यदि 2016-17 का बजट केंद्रीय बैंकों को सरकार की राजकोषीय पुनर्गठन की कोशिश के संबंध आश्वस्त करे तो हमें उम्मीद है कि मार्च या अप्रैल में 0.25 फीसदी की कटौती होगी। महंगाई जनवरी 2016 के लक्ष्य के दायरे में है लेकिन इसमें बढ़ोतरी का जोखिम है, क्योंकि खुदरा महंगाई दर 2015 की तीसरी तिमाही से बढ़ रही है।
महंगाई भड़कने का डर
कैपिटल इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री एस शाह ने कहा, महंगाई में आगे और बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस महीने रायशुमारी में हिस्सा लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने कहा, असामान्य तौर पर तापमान में बढ़ोतरी के बीच रबी फसल की बुआई में देरी से आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई बढ़ सकती है। उनका मानना है कि 2015-16 में कीमतों में औसतन बढ़ोतरी 5 फीसदी होगी जबकि 2016-17 में 5.3 फीसदी। शाह ने कहा, मध्यम अवधि के महंगाई लक्ष्य को पूरा करने में आरबीआई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो बताता है कि ब्याज दरों में और नरमी की गुंजाइश खत्म हो गई है।
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