मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और इलाहाबाद बैंक समेत छह सरकारी बैंकों के नाम को आरबीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची से बाहर कर दिया है। बैंक ने अन्य बैंकों के साथ विलय होने के बाद इन बैंकों के नाम हटाए गए हैं। ये छह बैंक सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक हैं।
रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक अधिसचूना में कहा, ‘‘हम सूचित करते हैं कि सिंडिकेट बैंक को 01 अप्रैल 2020 से आरबीआई अधिनियम 1934 की दूसरी अनुसूची से बाहर रखा गया है, क्योंकि 27 मार्च 2020 की अधिसूचना के हिसाब से एक अप्रैल 2020 से इसके बैंकिंग व्यवसाय बंद हो गये हैं।’’ रिजर्व बैंक ने अन्य पांच सरकारी बैंकों के संबंध में इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की हैं। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल बैंक को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के रूप में जाना जाता है।
इन छह बैंकों का एक अप्रैल से अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ विलय हो गया है। ओबीसी और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का; आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में; और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ है। इन विलयों के बाद अब देश में सात बड़े तथा पांच छोटे सरकारी बैंक हैं। साल 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे, जो अब कम होकर 12 रह गये हैं।
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