मुंबई। पनामा पेपर्स मामले से उठी बहस के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीयों द्वारा विदेशों में अपने निवेश की सूचना देने में देरी पर आज चिंता जताई। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि फेमा के नियमों का पूरी तरह से पालन हो। विदेश में प्रत्यक्ष निवेश करने वाले भारतीय पक्ष (आईपी), निवासी व्यक्तियों (आरआई) को सालाना परफॉरमेंस रिपोर्ट हर साल 30 जून तक रिजर्व बैंक को देनी है। केंद्रीय बैंक ने हालांकि कहा, आईपी, आरआई या तो सालाना परफॉरमेंस रिपोर्ट दाखिल करने में नियमित नहीं हैं या इसे देरी से दाखिल कर रहे हैं।
टैक्स चोरों के पनाहगाह शब्द के उपयोग पर लगी रोक
कई देशों द्वारा टैक्स चोरों के पनाहगाह शब्द को लेकर आपत्ति को देखते हुए सीबीडीटी ने यह निर्देश दिया है कि कालाधन जांच मामलों में सूचना हासिल करने के लिए भारत द्वारा भेजे जाने वाले संवाद में इस शब्द से परहेज किया जाए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दोहरा टैक्स बचाव संधि (डीटीएए) और टैक्स सूचना आदान-प्रदान समझौता (टीआईईए) के तहत भारत और अन्य देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान से संबद्ध प्रोटोकॉल तथा संधित प्रक्रियाओं के लिये नियमों को तय करते समय यह निर्णय किया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बोर्ड ने कुछ समय पहले सूचना के आदान-प्रदान (ईओआई) नियमावली तैयार करते समय आयकर विभाग के जांच कार्यालयों के साथ इस मामले को उठाया था लेकिन कर चोरों के पनाहगाह शब्द का उपयोग अभी आधिकारिक दस्तावेज में जांच अधिकारी कर रहे थे।
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