मुंबई। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ने वाले असर को संभालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक 30 से 35 अरब डॉलर के NRI बांड जारी कर सकता है , जिससे आयात कवर को संतोषजनक स्तर पर रखा जा सकेगा। बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में ब्रेंट क्रूड के औसत भाव के अनुमान को बढ़ाकर 71.8 डॉलर प्रति बैरल कर दिया गया है। पहले उसने चालू वित्त वर्ष में इसके 62.5 डॉलर प्रति बैरल पर रहने का अनुमान लगाया था। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसे 60 डॉलर प्रति बैरल के अनुमान से बढ़ाकर 75.3 डॉलर प्रति बैरल किया गया है।
शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक को 30 से 35 अरब डॉलर के एनआरआई बांड जारी करने चाहिए क्योंकि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से चालू वित्त वर्ष में आयात कवर घटकर 9.6 महीने रह जाएगा। प्रस्तावित एनआरआई बांड यदि जारी किए जाते हैं तो यह इसकी चौथी किस्त होंगे। इससे विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत किया जा सकेगा और तेल की ऊंची कीमतों से रुपये को प्रभावित होने से बचाया जा सकेगा।
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