नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का आकार साल 2019-20 में 30 फीसदी की बढ़त के साथ 53.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। बैलेंस शीट में ये बढ़त घरेलू और विदेशी निवेश में बढ़त की वजह से देखने को मिला है। पिछले साल बैलेंस शीट का आकार 41.05 लाख करोड़ रुपये था। बैलेंस शीट में प्रतिशत के आधार पर ये पिछले 13 साल की सबसे तेज बढ़त है। इससे पहले साल 2007-08 में बैलेंस शीट में तेज उछाल दर्ज किया गया था।
बैलेंस शीट के एसेट हिस्से में बढ़त घरेलू निवेश में दर्ज हुई 18.4 फीसदी की बढ़त और विदेशी निवेश में दर्ज हुई 27.28 फीसदी की बढ़त की वजह से देखने को मिली। वहीं कर्ज में 246 फीसदी और गोल्ड रिजर्व में 53 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। 30 जून तक कुल एसेट्स में घरेलू एसेट्स 28.75 फीसदी रहे, वहीं फॉरेन कंरसी एसेट्स और गोल्ड एसेट्स का हिस्सा 71.25 फीसदी रहा। वहीं लायबिलिटी (देनदारी) के हिस्से बढ़त की मुख्य वजह नोट जारी करने में 21.5 फीसदी, अन्य देनदारी और प्रोविजन में 30.5 फीसदी और डिपॉजिट में 53.7 फीसदी की बढ़त की वजह से देखने को मिली है। 73 हजार करोड़ रुपये का प्रोवजिन आकस्मिक फंड में भी ट्रांसफर किया गया।
इससे पहले साल 2007-08 में रिजर्व बैंक की बैलेंसशीट का आकार 46 फीसदी बढ़ा था। वहीं पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक के बहीखातों में 22 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है।पिछले साल बैलेंस शीट का आकार 41.05 लाख करोड़ रुपये था। बैलेंस शीट में प्रतिशत के आधार पर ये पिछले 13 साल की सबसे तेज बढ़त है। इससे पहले साल 2007-08 में बैलेंस शीट में तेज उछाल दर्ज किया गया था।
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