RBI ने बैंकों को दिया निर्देश, ब्याज पर ब्याज से छूट योजना का पैसा 5 नवंबर से पहले मिलेगा
सरकार ने सभी वित्तीय संस्थाओं को यह राशि ग्राहकों के बैंक खातों में 5 नवंबर, 2020 तक जमा करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों सहित सभी वित्तीय संस्थानों को 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर 1 मार्च, 2020 से लेकर 31 अगस्त, 2020 छह माह के लिए ब्याज पर ब्याज से छूट देने की योजना को लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने विशेष लोन एकाउंट्स पर उपभोक्ताओं को 6 माह के लिए कम्पाउंड ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि लौटाने की योजना की घोषणा की थी। यह सुविधा सभी कर्जदारों को मिलेगी।
ब्याज पर ब्याज से छूट योजना के तहत संबंधित वित्तीय संस्था द्वारा 1 मार्च, 2020 से लेकर 31, अगस्त 2020 की छह माह की अवधि के लिए साधारण ब्याज और कम्पाउंड ब्याज के बीच के अंतर की राशि ग्राहकों को वापस लौटाई जाएगी। इसी संबंध में आरबीआई ने मंगलवार को सभी वित्तीय संस्थाओं को निर्देश जारी कर जल्द से जल्द यह राशि उपभोक्ताओं के बैंक खाते में जमा कराने की हिदायत दी है।
सरकार ने सभी वित्तीय संस्थाओं को यह राशि ग्राहकों के बैंक खातों में 5 नवंबर, 2020 तक जमा करने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि सभी वित्तीय संस्थाओं को यह सलाह दी जाती है कि वह इस योजना को लागू करें और निर्धारित समयावधि के भीतर पैसा लौटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
होम लोन, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो लोन, एमएसएमई लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन और उपभोग ऋण को इस योजना के तहत कवर किया गया है। इस योजना के तहत इन श्रेणियों के तहत 2 करोड रुपए तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज से छूट प्रदान की जाएगी। योजना के मुताबिक वित्तीय संस्थान कम्पाउंड ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की राशि को उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा कराएंगे।
ब्याज-पर-ब्याज से छूट से 75 प्रतिशत कर्जदारों को मिलेगा लाभ
बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए 40 प्रतिशत से अधिक कर्ज तथा 75 प्रतिशत कर्जदार संचयी ब्याज यानी ब्याज-पर-ब्याज से राहत देने के निर्णय से लाभान्वित होंगे। वहीं इससे सरकारी खजाने पर करीब 7,500 करोड़ रुपए का बोझ आएगा।
यह सुविधा सभी कर्जदारों को मिलेगी। भले ही उसने किस्त भुगतान को लेकर दी गई मोहलत का लाभ उठाया हो या नहीं। लेकिन इसके लिए शर्त है कि कर्ज की किस्त का भुगतान फरवरी के अंत तक होता रहा हो यानी संबंधित ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) नहीं हो। छूट योजना के दायरे में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), शिक्षा, आवास, उपभोक्ता टिकाऊ, क्रेडिट कार्ड, वाहन, व्यक्तिगत कर्ज, पेशेवेर और उपभोग ऋण को शामिल किया गया है।