नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी उद्योग को सस्ती प्रौद्योगिकी और समावेशी माहौल तैयार कर चार साल में भारत को एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में हमारी मदद करनी चाहिए। आईटी और आईटी आधारित सेवाओं, ई वाणिज्य, इलेक्टोनिक्स विनिर्माण, डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मौजूद अरबों डालर के अवसरों को प्रमुखता से रखते हुए उन्होंने कहा कि एक अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था कोई बहुत लंबा चौड़ा दावा नहीं है। यह भी पढ़े: 2025 तक 25-30 लाख नौकरियों का सृजन करेगा आईटी सेक्टर, छंटनी का नहीं कोई डर
कानून एवं आईटी मंत्री ने यहां प्रौद्योगिकी जगत के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा
मुझे कोई संदेह नहीं है कि यह सात साल में एक लाख करोड़ डॉलर जाएगा। लेकिन मेरा विनम्र अनुरोध है कि सात साल तक इंतजार क्यों किया जाए। क्या हम यह 3-4 साल में कर सकते हैं?
बैठक में शामिल थे कई बड़े उद्योगपति
डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने पर आयोजित इस बैठक में नैस्कॉम के प्रेसिडेंट आर चंद्रशेखर, गूगल इंडिया के राजन आनंदन, विप्रो के रिशद प्रेमजी, इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के राष्टीय अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुभो राय और हाइक मेसेंजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केविन भारती मिाल आदि शामिल है। यह भी पढ़े: पटना में खुला टीसीएस का बीपीएस केंद्र, तीन हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
IT सेक्टर का रेवेन्यू 10 लाख करोड़ रुपए के पार
प्रसाद ने कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र राजस्व 10 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है और निर्यात भी 7.5 लाख करोड़ रुपए को पार कर चुका है। देश को डिजिटल विकास के लिए अपना मॉडल बनाने की जरुरत है जो समावेशी हो। उन्होंने कहा, ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित कीजिए जो सस्ती हो, ऐसा बुनियादी ढांचा विकसित कीजिए जो विकासोन्मुखी हो और ऐसा माहौल बनाइए जो समावेशी हो।यह भी पढ़े: कंप्यूटर और मोबाइल फोन की सुरक्षा FREE में करेगी सरकार, सभी को मिलेगा मुफ्त में एंटी-वायरस
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