अहमदाबाद। केंद्रीय संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट एक अस्थायी रुख है। उन्होंने कहा कि भविष्य में चीजें सुधरेंगी क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। यह बात केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को अहमदाबाद में कही। वे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 5 फीसद रहने के बारे में बात कर रहे थे।
प्रसाद ने कहा कि इस सुस्ती के लिए वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। मुद्रास्फीति 3.15 प्रतिशत पर है, राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत है। हमने दोनों को नियंत्रण में रखा है। इसके अतिरिक्त भारत ने साल 2019-20 में 16.30 बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षिक किया है, जो कि 28 फीसद की बढ़त लिए हुए है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 428 बिलियन डॉलर का है। गौरतलब बै कि प्रसाद यहां नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों पर जानकारी दे रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन सभी मापदंडों पर भारत बहुत मजबूत है। अगर जीडीपी ग्रोथ पहली तिमाही में 5 फीसद रही है, तो यह आने वाले समय में पटरी पर भी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक अस्थाई घटना है। यह कुछ वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स के कारण हो रहा है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।
प्रसाद ने आगे टैक्स और जीएसटी संग्रह पर भी बात की। उन्होंने कहा कि टैक्स का संग्रह भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। आयकर संग्रह साल 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रहा था, जो कि साल 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ था। यही नहीं, जीएसटी संग्रह अगस्त 2019 में 98,202 करोड़ रुपए रहा, जो कि अगस्त 2018 से 4.51 फीसद ज्यादा है। साथ ही प्रसाद ने घोषणा की है कि अगले महीने से आयकर नोटिस सीधे करदाता के पास नहीं भेजा जाएगा। ये नोटिस पहले एक सिस्टम से गुजरेंगे, जहां पहले उनकी जांच होगी।
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