नई दिल्ली। रतन टाटा ने 17 साल के बच्चे द्वारा शुरू किए गए फार्मा स्टार्टअप जेनेरिक आधार में व्यक्तिगत क्षमता से निवेश किया है। हालांकि निवेश की गई राशि का खुलासा नहीं किया गया है। टाटा ग्रुप से रिटायरमेंट लेने के बाद से रतन टाटा ने अबतक कई स्टार्टअप में अपनी व्यक्तिगत क्षमता से करोड़ों रुपए का निवेश किया है।
जेनेरिक आधार की स्थापना मुंबई के थाणे में रहने वाले 17 वर्षीय अर्जुन देशपांडे ने अप्रैल, 2019 में की थी। यह कंपनी प्रतिष्ठित विनिर्माताओं की गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं को 80 प्रतिशत तक कम कीमत पर और अन्य दवाओं को 20-30 प्रतिशत डिस्काउंट पर उपलब्ध कराती है।
डीएवी पब्लिक स्कूण, थाणे के छात्र देशपांडे ने गरीबों को किफायती दवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ अपनी उद्यमी बनने की यात्रा शुरू की थी। कंपनी ने टाटा द्वारा निवेश की गई राशि का खुलासा नहीं किया है।
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा अबतक दर्जनों स्टार्टअप्स में निवेश कर चुके हैं। रतन टाटा ने ओला, पेटीएम, स्नैपडील, क्योरफिट, अर्बन लैडर और अवंती फाइनेंस में निवेश किया है।
जेनेरिक फार्मा विनिर्माताओं से सीधे जेनेरिक दवाएं खरीदती है और इन्हें खुदरा विक्रेताओं को बेचती है। कंपनी का वर्तमान में वार्षिक राजस्व 6 करोड़ रुपए है और अगले तीन सालों में इसे 150-200 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य है। कंपनी में अभी 55 कर्मचारी हैं।
देशपांडे की योजना 1000 फार्मेसी के साथ फ्रेंचाइजी आधार वाले मॉडल के तहत भागीदारी करने और अपनी पहुंच गुजरात, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गोवा और राजस्थान तक ले जाने की है।
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