नई दिल्ली| भारत में महामारी के दौरान साइबर हमलों में तेजी देखने को मिली है, इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़त मैलवेयर हमलों में दर्ज हुई है। देश में सितंबर और अक्टूबर के बीच साइबर हमलों मासिक आधार पर तीन गुना से अधिक बढ़त देखने को मिली है। साइबरसिटी कंपनी सोनिकवॉल की एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 2021 सोनिकवॉल साइबर थ्रेट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दिसंबर 2020 के दौरान 2.5 करोड़ से अधिक मैलवेयर हमले किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के कारण घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) का चलन बढ़ने के साथ कंपनियों के लिए अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिले हैं। दरअसल वे शक्तिशाली क्लाउड-आधारित टूल, क्लाउड स्टोरेज और एंडलेस टारगेट्स से लैस साइबर अपराधियों से अधिक से अधिक हमलों से बचाव करने के लिए लड़ रहे हैं। महामारी के बाद कामकाजी वातावरण विकसित हुआ है, इसलिए रिपोर्ट में विस्तृत रूप से थ्रीट एक्टर्स (साइबर हमले में महारत रखने वाले) और अन्य अपराधियों के काम करने के तरीकों को भी बताया गया है।
सोनिकवॉल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिल कोनर ने एक बयान में कहा, "2020 ने साइबर अपराधियों के लिए एक आदर्श तूफान और साइबर आर्म्स रेस के लिए एक महत्वपूर्ण टिपिंग प्वाइंट की पेशकश की है।" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महामारी के समय पर दूरस्थ तरीके से काम करने के माहौल के बीच साइबर हमले नए स्तरों पर पहुंचे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे कोविड-19 ने अधिक शक्तिशाली, आक्रामक और कई हमलों के लिए पर्याप्त अवसर के साथ थ्रीट एक्टर्स को मौके प्रदान किए।
उन्होंने कहा, "जब साइबर अपराधियों, उनके हमलों के तरीकों और उनके लक्ष्यों के चयन की बात आती है तो वहां कोई आचार संहिता नहीं है।" निष्कर्षों से पता चला कि वैश्विक रूप से रैंसमवेयर में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उत्तरी अमेरिका में ऐसे हमलों में 158 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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