राणा कपूर और परिवार के सदस्य यस बैंक के शेयरों में भेदिया कारोबार को लेकर जांच के घेरे में
कपूर परिवार पर गोपनीय जानकारियों के आधार पर शेयरो में सौदे करने का आरोप है
नई दिल्ली। यस बैंक के पूर्व प्रवर्तक राणा कपूर और उनके परिवार से जुड़े कई लोग बैंक के शेयरों में भेदिया कारोबार को लेकर जांच के घेरे में हैं। इसके साथ ही उन लोगों तक भी इस जांच की आंच आ सकती है जिन्होंने सरकार की देखरेख में लाई जा रही बचाव योजना के बारे में जानकारी पहुंचाई। रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर तीन अप्रैल तक कामकाज को लेकर पाबंदी लगा रखी है। कपूर और कपूर परिवार के कई लोगों पर बैंक की गोपनीय अप्रकाशित जानकारी मिलने पर खरीद- फरोख्त करने और शेयरों में गिरावट आने से पहले ही सौदे करने की जांच की जा रही है। पूंजी बाजार नियामक सेबी और अन्य एजेंसियों की जांच के दायरे में राणा कपूर परिवार के साथ ही स्वर्गीय अशोक कपूर के परिवार से जुड़े लोग हैं। ये दोनों परिवार इस आधुनिक बैंक के संस्थापकों में शामिल थे।
यस बैंक एक साल पहले तक अपने आप को देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बताता रहा है। लेकिन आज यह वित्तीय क्षेत्र में गहराते दबाव का सबसे ताजा उदाहरण बनकर रह गया है। यस बैंक ने 2004 में कारोबार शुरू किया था। सेबी से दूसरी जांच एजेंसियों ने यस बैंक के शेयरों में 5 मार्च को किये गये सौदों की गहराई से जांच करने को कहा है। इस दिन देर रात यस बैंक के कामकाज पर रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी थी। गत बृहस्पतिवार को यस बैंक के शेयर 27 प्रतिशत उछल गये थे। इसके पीछे यह रिपोर्ट थी कि सरकार ने स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक का अधिग्रहण करने के लिये हरी झंडी दे दी है।