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Hindi News पैसा बिज़नेस GST के लिए भारत का 16 साल का इंतजार हुआ खत्‍म, जानिए कब और कैसे शुरू हुई इसकी यात्रा

GST के लिए भारत का 16 साल का इंतजार हुआ खत्‍म, जानिए कब और कैसे शुरू हुई इसकी यात्रा

16 साल बाद गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को राज्‍य सभा द्वारा पास कर दिया गया है।

Breakthrough: GST के लिए भारत का 16 साल का इंतजार हुआ खत्‍म, जानिए कब और कैसे शुरू हुई इसकी यात्रा- India TV Paisa Breakthrough: GST के लिए भारत का 16 साल का इंतजार हुआ खत्‍म, जानिए कब और कैसे शुरू हुई इसकी यात्रा

नई दिल्‍ली। 1947 के बाद भारत का सबसे महत्‍वपूर्ण टैक्‍स सुधार आखिरकार इस हफ्ते हकीकत बनने जा रहा है। 16 साल बाद गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को राज्‍य सभा द्वारा पास कर दिया गया है। यह बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म एजेंडे को बड़ा सपोर्ट देगा। जीएसटी से भारत में अधिकांश इनडायरेक्‍ट टैक्‍स खत्‍म हो जाएंगे।

मई 2014 में सत्‍ता पर काबिज होने के बाद से ही मोदी इस प्रमुख सुधार को पास कराने के लिए प्रयास कर रहे थे। लेकिन विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, के कारण इसमें दो साल की और देरी हुई। विडंबना यह है कि यही कांग्रेस पार्टी जब 2009 से 2014 के दौरान सत्‍ता में थी, तब वह जीएसटी को पास कराने के लिए आक्रामक थी।

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3 अगस्‍त से राज्‍य सभ में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हुई है और दिनभर चली चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया।  लोक सभा इसे मई में ही पास कर चुका है। जीएसटी में पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट्स, इलेक्‍ट्रीसिटी ड्यूटी, शराब पर एक्‍साइज ड्यूटी और अचल संपत्ति पर स्‍टाम्‍प ड्यूटी को शामिल नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इनसे राज्‍यों को सबसे ज्‍यादा आमदनी होती है।

पिछले 16 सालों में जीएसटी की यात्रा कैसी रही, आइए यहां जानते हैं:

2000: अटल बिहारी वाजपेयी, तत्‍कालीन प्रधानमंत्री, जीएसटी को चर्चा के लिए पेश करने की मंजूरी दी। जीएसटी मॉडल इसे लागू करने का रोडमैप तैयार करने के लिए उन्‍होंने तत्‍कालीन पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री असीम दासगुप्‍ता की अध्‍यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। दासगुप्‍ता इस कमेटी के 2011 तक अध्‍यक्ष रहे।

2004: तत्‍कालीन वित्‍त मंत्रालय के सलाहकार विजय एल केलकर की अध्‍यक्षता वाली टास्‍क फोर्स ने कहा कि मौजूदा टैक्‍स सिस्‍टम में कई समस्‍याएं हैं। उन्‍होंने एक व्‍यापक जीएसटी का सुझाव दिया।

फरवरी 2005: वित्‍त वर्ष 2005-06 के बजट भाषण में तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मध्‍यम से लेकर दीर्घ अवधि में मेरा यह लक्ष्‍य है कि संपूर्ण प्रोडक्‍शन-डिस्‍ट्रीब्‍यूशन चेन को नेशनल वैट या बेहतर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स के तहत लाया जाएगा।

फरवरी 2006: चिदंबरम ने देश में 1 अप्रैल 2010 से जीएसटी लागू करने की घोषणा की। इसके तहत गुड्स और सर्विसेज पर एक समान टैक्‍स लगाने की बात कही गई।

नवंबर 2006: वित्‍त मंत्री चिदंबर के सलाहकार पार्थसार्थी शोम ने कहा कि जीएसटी के लिए राज्‍यों को बहुत से सुधारात्‍मक कदम उठाने होंगे। शोम ने कहा कि केंद्र और राज्‍यों के बीच बातचीत का प्रमुख मुद्दा सेंट्रल सेल्‍स टैक्‍स की भरपाई का है।

फरवरी 2007: 2007-08 के केंद्रीय बजट में दोबारा जीएसटी लागू करने की तारीख 1 अप्रैल 2010 की घोषणा की गई।

फरवरी 2008: 2008-09 का बजट भाषण पढ़ते हुए वित्‍त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 1 अप्रैल 2010 से जीएसटी लागू करने के लिए सभी के सहयोग से रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

जुलाई 2009: भारत के नए वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी के बेसिट स्‍ट्रक्‍चर की घोषणा की और इसे 1 अप्रैल 2010 से लागू करने के सरकार के लक्ष्‍य को दोहराया।

नवंबर 2009: असीम दासगुप्‍ता कमेटी ने जीएसटी पर अपने पहले डिसकशन पेपर को जनता के सामने रखा और इस पर सुझाव मांगे।

फरवरी 2010: सरकार ने राज्‍यों में कमर्शियल टैक्‍स के कम्‍प्‍यूटराइजेशन प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की, जिसे जीएसटी की नींव के तौर पर माना गया। इस प्रोजेक्‍ट के लिए बजट में 1,133 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया, जिसमें केंद्र की हिस्‍सेदारी 800 करोड़ रुपए थी। वित्‍त मंत्री मुखर्जी ने कहा कि सरकार एक अप्रैल 2011 से डीटीसी (डायरेक्‍ट टैक्‍स कोड) लागू करने की स्थिति में होगी।

मार्च 2011: कांग्रेस की यूपीए सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए लोक सभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। इस विधेयक को पूर्व वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा की अध्‍यक्षता वाली संसद की स्‍थायी समिति के पास भेज दिया गया। विस्‍तृत परीक्षण के लिए किसी बिल को स्‍थायी समिति के पास भेजा जाता है, जो कि लोक सभा और राज्‍य सभा के सदस्‍यों को मिलाकर बनाई जाती है।

जून 2012: स्‍थायी समिति ने इस पर चर्चा शुरू की। भाजपा और वाम दलों समेत सभी विपक्षी दलों ने धरान 279बी पर अपनी चिंता जताई, जो केंद्र को जीएसटी विवाद अथॉरिटी पर अतिरिक्‍त विवेकाधीन शक्तियों की अनुमति देता है।

नवंबर 2012: वित्‍त मंत्री चिदंबरम ने राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों के साथ बैठक की। दोनो पक्षों ने सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए 31 दिसंबर 2012 की समय सीमा तय की।

फरवरी 2013: चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार ने राज्‍यों को भरपाई के लिए 9,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्‍होंने कहा कि मुझे उम्‍मीद है कि इस पर अगले महीने में हम सहमति बना लेंगे और संसद में जीएसटी ड्राफ्ट बिल लाएंगे।

अगस्‍त 2013: स्‍थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट संसद को सौंपी। पैनल ने इस विधेयक को कुछ संशोधनों के साथ अपनी मंजूरी दी।

अक्‍टूबर 2013: तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी वाले राज्‍य गुजरात ने इस बिल का विरोध किया। मोदी सरकार के वित्‍त मंत्री सौरभ पटेल ने कहा थ कि यदि केंद्र सरकार अध्‍यादेश के जरिये जीएसटी लागू करती है तो गुजरात को हर साल 14,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

मई 2014: संविधान संशोधन विधेयक 15वीं लोक सभा के विघटन के साथ ही लैप्‍स हो गया। इसी महीने नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भाजपा की सरकार बनी।

दिसंबर 2014: सात माह बाद, भारत के नए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में इस बिल को पेश किया। कांग्रेस ने इस बिल को स्‍थायी समिति के पास भेजने की मांग की।

फरवरी 2015: अपने बजट भाषण में जेटली ने घोषणा की कि सरकार एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने की इच्‍छुक है और ऐसी उम्‍मीद है कि संसद से यह पास हो जाएगा।

मई 2015: लोक सभा ने जीएसी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया।

अगस्‍त 2015: सरकार राज्‍य सभा में इस बिल को पास कराने में सफल नहीं रही। वहां सरकार को पूर्ण समर्थन हासिल नहीं था।

मार्च 2016: जेटली ने कहा कि वह कांग्रेस की मांगों से सहमत हैं और जीएसटी रेट 18 फीसदी से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन उन्‍होंने इस मांग से इंकार किया कि जीएसटी रेट को संविधान में उल्‍लेख किया जाए। उन्‍होंने कहा कि यदि सरकार बिल में कोई दर तय कर देती है तो हर बार जब भी रेट बढ़ाना होगा तो पहले संसद से मंजूरी लेनी होगी।

अगस्‍त 2016: मोदी सरकार द्वारा बिल में चार संशोधन करने के बाद कांग्रेस ने इसे अपना समर्थन देने पर सहमति जताई। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमनें जो भी मुद्दे उठाए थे उनका समाधान जीएसटी संविधान संशोधन बिल में कर लिया गया है।

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