नई दिल्ली। जीएसटी पर सालों से चली आ रही बहस आज खत्म हो गई। राज्य सभा ने बुधवार को महत्वपूर्ण 122वें संविधान संशोधन को मंजूरी देकर इस विधेयक को कानून का रूप देने के लिए हरी झंडी दे दी है। लोक सभा ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे इस बिल को पहले ही पास कर चुकी है।
सालों की लंबी बहस के बाद जीएसटी को पारित करा लिया गया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है। पांच घंटे से भी ज्यादा चली बहस के बाद 202 राज्य सभा सदस्यों ने इस बिल के पक्ष में वोट दिया, जबकि 13 सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट दिया। इस बिल पर सरकार और विपक्ष दोनों ओर से खूब सवाल-जवाब हुए। एआईएडीएमके अकेली ऐसी पार्टी थी जिसने इस बिल का खुलकर विरोध किया और इसे असंविधानिक करार दिया। पार्टी के सांसद वोटिंग के दौरान सदन से बाहर निकल गए।
अरुण जेटली ने राज्य सभा में पेश किया GST बिल
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बहस के दौरान कहा कि जिस तरह इनकम टैक्स रेट को नहीं बढ़ाया जा सकता और इसके लिए संसद की मंजरी लेनी होती है, ठीक इसी तरह की प्रक्रिया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के साथ भी अपनानी चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आज हम आज संविधान संशोधन बिल में जीएसटी रेट का उल्लेख नहीं कर सकते लेकिन हम इसे सेंट्रल बिल में जरूर उल्लेखित करेंगे। एआईएडीएमके सांसद ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि जीएसटी बिल से तमिलनाडु को स्थायी तौर पर नुकसान होगा और यह बुनियादी तौर पर संविधान का उल्लंघन है इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व की बात है और इसके लिए भारत सरकार और सभी राजनैतिक दलों को धन्यवाद देना चाहिए।
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