नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन उद्योग के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा बृहस्पतिवार को की। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई मेडिकल ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए राज्य में चिकित्सकीय ऑक्सीजन निर्माता उद्योगों के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा की है। इसके तहत नया निवेश कर मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाले उद्यमों को विभिन्न परिलाभ व सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। परिलाभ प्राप्त करने वाले उद्यमी को कम से कम एक करोड़ रूपये का निवेशनकर 30 सितम्बर 2021 तक उत्पादन शुरू करना आवश्यक होगा।
पैकेज के तहत इन उद्यमियों को राजस्थान एमएसएमई एक्ट-2019 के प्रावधानों के अनुसार उद्यम स्थापना के प्रांरभिक तीन वर्षों में राज्य सरकार के संबंधित विभागों की नियामक स्वीकृतियों और निरीक्षणों से छूट प्रदान की जाएगी। साथ ही, केन्द्र सरकार के संबंधित विभागों से भी जरूरी स्वीकृतियां दिलवाने, बिजली तथा पानी कनेक्शन की व्यवस्थाएं शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार विशेष सहयोग देगी। इसी प्रकार पैकेज के तहत प्लांट, मशीनरी व अन्य उपकरणों पर किए गए व्यय (अधिकतम 50 लाख रूपये) के 25 प्रतिशत तक की राशि पूंजीगत अनुदान के रूप में दो किश्तों में दी जाएगी।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा के मुताबिक प्रदेश को वर्तमान में 310 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। जबकि प्रदेश को करीब 300 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। उनके मुताबिक जिस हिसाब से मांग बढ रही है उसके हिसाब से जल्द ही प्रदेश को 365 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही राजस्थान को आने वाले माह में 32 टैंकरों की जरूरत होगी, क्योंकि यहां मेडिकल ऑक्सीजन देश के दूर दराज इलाकों से आती है। इसी वजह से सरकार योजना बना रही है कि प्रदेश में ही ऑक्सीजन उत्पादन के संयंत्र लगाये जायें जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज की जा सके।
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