नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद प्रणाली में नकदी बढ़ने के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया है। नोटबंदी के बाद आम जनता 500 व 1000 रुपए के पुराने नोटों के रूप में भारी नकदी बैंकों में जमा करवा रही है।
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वित्त सचिव ने दिए ये तर्क
- वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, रिजर्व बैंक नकदी प्रबंधन रणनीति के तहत CRR में बढ़ोतरी करता है।
- प्रणाली में उपलब्ध सरप्लस नकदी को देखते हुए शायद यह जरूरी हो गया है।
- आप जानते ही हैं कि सरप्लस नकदी से मुद्रा बाजार में उतार-चढा़व आता है।
- उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS) की सीमा बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पहले ही दाखिल कर चुका है।
- वित्त सचिव ने कहा, सरकार इस पर विचार कर रही है।
- MSS नकदी प्रबंधन का एक तरीका है और मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इसे 30,000 करोड़ रुपए तय किया गया है।
- रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा करेगा।
- शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक के रुख के बारे में कोेई कयास लगाने से इनकार किया।
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