नई दिल्ली। जून में पिछड़ने के बाद मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। इसके कारण बारिश की कमी सामान्य के मुकाबले सिर्फ 9 फीसदी रह गई है। आईएमडी के कहा कि 1 जून से 2 जुलाई तक देशभर में 164.9 एमएम बारिश हुई है, जो कि आमतौर पर 180 एमएम होती है। मौसम विभाग ने परिस्थितियों को देखते हुए जुलाई, अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है।
आईएमडी ने बताया कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य के मुकाबले 28 फीसदी कम बारिश हुई है। आंकड़ों के अनुसार इन क्षेत्रों में 381 एमएम की जगह मात्र 274 एमएम बारिश हुई है। वहीं मध्य भारत की बात करें तो यहां सामान्य के मुकाबले 12 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई। आईएमडी भविष्यवाणियों के अनुसार, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों को छोड़ देश भर में अच्छी बारिश का होगी। दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब के अधिकांश भागों और पूर्वी राजस्थान के बचे हुए भागों में तेजी से बढ़ रहा है।
आईएमडी ने कहा कि मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। मानसून उत्तर अरब सागर के कुछ हिस्सों और गुजरात की ओर बढ़ा है। वहीं अगले 48 घंटे के दौरान पश्चिमी राजस्थान में बारिश होने की संभावना है। दूसरा दीर्घावधि (एलपीए) का अनुमान जारी करते हुए (आईएमडी) ने कहा कि 96 फीसदी इस बात की संभावना है कि इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी। पश्चिमोत्तर भारत में दीर्घकालिक औसत का 108 फीसदी बारिश होगी जबकि मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए की 113 फीसदी बारिश होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 94 फीसदी बारिश होगी जो सामान्य से कम है। एलपीए के 90 फीसदी से कम वर्षा को कम मानसून और एलपीए के 90-96 फीसदी को निम्न मानसून माना जाता है। अगर एलपीए के 96 से 104 फीसदी के बीच वर्षा होती है तो इसे सामान्य मॉनसून माना जाता है और 110 फीसदी से ऊपर को अत्यधिक मानसून माना जाता है।
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