नई दिल्ली। सरकारी संगठनों में भ्रष्टाचार के मामले में रेलवे शीर्ष स्थान पर है। 2014 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को रेलवे से संबंधित भ्रष्टाचार की 12,000 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सीवीसी ने शिकायतों की संख्या के आधार पर सरकारी संगठनों की एक लिस्ट तैयार की है।
2014 के लिए सीवीसी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट, जिसे हाल ही में संसद में पेश किया गया है, में कहा है कि रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ 12,394 शिकायतें मिली हैं, इसके बाद 5,363 शिकायतें बैंक अधिकारियों और 5,139 शिकायतें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के खिलाफ मिली हैं।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतों की संख्या 4,986 है, वहीं टेलीकम्यूनिकेशन मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतों की संख्या 3,379 है। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ 3,079 शिकायतें दर्ज की गईं।
साल 2014 के दौरान सीवीसी को विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कुल 56,104 भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत प्राप्त हुई हैं। इन कुल शिकायतों में से 38,192 का निराकरण किया जा चुका है, जबकि 17,912 शिकायत अभी लंबित हैं। कुल लंबित शिकायतों में से 8,878 शिकायतें छह माह से ज्यादा समय से लंबित हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 2,741 शिकायतें मिली हैं, खाद्य और उपभोक्त मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतों की संख्या 2,235 है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के खिलाफ 2084, स्टील मंत्रालय के खिलाफ 1601 और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम के खिलाफ 1460 शिकायतें दर्ज की गई हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ 1377, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के खिलाफ 1143, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के खिलाफ 1018 शिकायतें मिली हैं। इसी प्रकार पोस्ट विभाग के खिलाफ 738, पावर मंत्रालय के खिलाफ 596, टेक्सटाइल मंत्रालय के खिलाफ 527 और रक्षा मंत्रालय के खिलाफ 604 शिकायतें मिली हैं।
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