नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाली रेलवे अपनी भर्ती प्रणाली में एतिहासिक बदलाव की तैयारी कर रही है। रेलवे अब भर्ती बोर्ड की लंबी प्रकिया को दरकिनार कर कॉन्ट्रेक्ट पर लोगों को भर्ती करने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक इस समय रेलवे के कई विभागों में भारी मात्रा में वेंकेंसी हैं। वहीं रेलवे भर्ती बोर्ड की लंबे समय तक चलने वाली भर्ती प्रक्रिया के चलते इन्हें भरा नहीं जा सकता है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक रेलवे अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को भी दोबारा शामिल करने की योजना बना रहा है। जिससे रेलवे की एतिहासिक संपत्तियों जैसे स्टीम इंजन, पुराने सवारी डिब्बे, सिग्नल आदि को पुनर्जीवित किया जा सके। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि हमारे पुराने रिटायर्ड कर्मचारियों को स्टीम इंजन, सीमाफर सिग्नल और भाप से चलने वाले दूसरे उपकरणों को चलाने का अच्छा अनुभव है, ऐसे में रेलवे इन्हें कॉन्ट्रेक्ट पर दोबारा रेलवे में भर्ती कर सकता है। इसकी जिम्मेदारी जोनल अधिकारियों को दी गई है। वे अपने क्षेत्र में ऐसे रिटायर्ड कर्मचारियों को जोड़ेंगे जिससे रेलवे की हेरिटेज को पुनर्जीवित करने और उसे सहेजने में मदद मिल सके।
रेलवे में इस समय स्टेनोग्राफर और पीए की भारी कमी है जिसका असर रेलवे के कार्यालयों की सामान्य कार्रवाई पर पड़ रहा है। इस मुश्किल से मुकाबला करने के लिए रेलवे ने अब कॉन्ट्रेक्ट आधार पर डेटा एंट्री ऑपरेटर या एक्जिक्यूटिव असिस्टेंट की भर्ती की अनुमति प्रदान कर दी है। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि जोनल प्रमुख को मौजूदा रिक्तियों को देखते हुए कॉन्ट्रेक्ट पर भर्ती होने वाले लोगों की संख्या तय करने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए वे संबंधित विभाग से सलाह लेंगे। इनका वेतन सामान्य कार्यसूची के अनुरूप होगा।
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