नई दिल्ली। रेलवे रेल परिसर में यात्रियों को बेहतर गुणवत्ता वाली खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराने को लेकर नई खान-पान सुविधा नीति लाएगी। खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। मौजूदा खान-पान सुविधा नीति 2010 में लाई गई थी। उस समय ममता बनर्जी रेल मंत्री थी। वहीं मंगलवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ई-कैटरिंग सर्विस 408 बड़े स्टेशनों पर शुरू करने की घोषणा की है।
ई-कैटरिंग सर्विस का हुआ विस्तार
स्टेशन आधारित ई-कैटरिंग सुविधा का विस्तार 408 बड़े स्टेशनों पर करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, हमारे पास जल्दी ही नई खान-पान सुविधा नीति होगी जिस पर काम जारी है। उन्होंने पूर्व में कहा था कि स्टेशन आधारित ई-कैटरिंग व्यवस्था 45 स्टेशन पर थी और अब इसे बढ़ाकर 408 स्टेशनों पर कर दिया गया है। खाने-पीने का ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराने के इरादे से रेलवे ने स्वयं-सहायता समूह को शामिल करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, अत: यात्री इन स्वयं सहायता समूह से भी खाने के सामान का आर्डर दे सकते हैं। नई सुविधा रेल बजट में की गयी घोषणा और सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप है।
जानिए रेलवे से जुड़े रोचक तथ्य
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स्टेशनों पर खाना ऑर्डर करने के ये हैं 4 तरीके
स्टेशनों पर खाने के सामान के आर्डर देने के चार तरीके हैं। पहला, 1323 पर फोन कर यात्री ऑर्डर दे सकते हैं और भुगतान सामान मिलने पर कर सकते हैं। दूसरा एंड्रायड या आईओएस प्लेटफार्म पर उपलब्ध एप्प फूड आन ट्रैक डाउनलोड कर खाने का आर्डर दे सकते हैं और भुगतान अग्रिम या सामान मिलने के बाद कर सकते हैं। तीसरा खाने का आर्डर आईआरसीटी की वेबसाइट ईकैटिरिंग डॉट आईआरसीटी डॉट को डॉट इन पर की जा सकती है। चौथा, यात्री 139 पर एसएमएस भेजकर खाने का ऑर्डर दे सकते हैं।
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