Corona ने बदल दी भारतीय रेलवे की किस्मत, दूसरी तिमाही में व्यय से अधिक हुई यात्री सेवा से आय
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की समाप्ति पर भारतीय रेलवे की यात्री किराये से कुल आय 1,258.74 करोड़ रुपए रही, जबकि माल ढुलाई से आय 49,347.62 करोड़ रुपए रही।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी जहां किसी के लिए संकट बनकर सामने आई है, तो वहीं किसी के लिए अवसर। चालू वित्त वर्ष में पहली बार भारतीय रेलवे की यात्री सेवाओं से आय, व्यय से अधिक रही है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में रेलवे का यात्री सेवा श्रेणी से राजस्व 2,325 करोड़ रुपए रहा। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार 167 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय रेलवे ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टिकट बुकिंग से हुई आय से ज्यादा राशि लोगों को रिफंड की। इस तरह रेलवे की आय खर्च के मुकाबले कम यानी 1,066 करोड़ रुपए नुकसान में रही।
हालांकि रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कमाई मजबूत बनी रही। पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में यह 5,873.64 करोड़ रुपए बढ़ गई। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में कोरोना वायरस संकट के चलते रेलवे की यात्री सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। ऐसे में रेलवे को यात्री खंड में अप्रैल में 531.12 करोड़ रुपए, मई में 145.24 करोड़ रुपए और जून में 390.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। आंकड़ों के मुताबिक यात्री सेवाएं बहाल होने और चरणबद्ध तरीके से 800 रेलगाड़ियों का परिचालन करने के चलते रेलवे की यात्री सेवा खंड से आय में सुधार हुआ है।
रेलवे ने इस खंड से जुलाई में 560.99 करोड़ रुपए, अगस्त में 830.55 करोड़ रुपए और सितंबर में 934.16 करोड़ रुपए की आय दर्ज की। इस प्रकार 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में रेलवे की यात्री सेवाओं से कुल आय 2,325.7 करोड़ रुपए रही। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की समाप्ति पर भारतीय रेलवे की यात्री किराये से कुल आय 1,258.74 करोड़ रुपए रही, जबकि माल ढुलाई से आय 49,347.62 करोड़ रुपए रही।
रेल कर्मचारियों को मिलेगा प्रोडक्टिव-लिंक्ड दिवाली बोनस
सरकार ने बुधवार को 30.67 लाख गैर-राजपत्रित केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की है। 2019-20 के लिए प्रोडक्टिव और नॉन-प्रोडक्टिव लिंक्ड बोनस देने का फैसला किया गया। त्योहारों से पहले केंद्र सरकार के 30 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 3,737 करोड़ रुपए के बोनस का भुगतान किया जाएगा। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और त्योहारों के समय मध्यम वर्ग के हाथ में पैसा होगा।
कर्मचारियों को बोनस एक सप्ताह के भीतर दिया जाएगा। गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को पिछले साल के उनके प्रदर्शन के आधार पर बोनस दुर्गा पूजा/दशहरा से पहले दिया जाता है। सरकार गैर-राजपत्रित कर्मचारियों के लिए उत्पादकता आधारित बोनस और तदर्थ बोनस की घोषणा कर रही है। इसे जल्दी संबंधित कर्मचारियों को दिया जाएगा।
उत्पादकता से संबद्ध बोनस के तहत भारतीय रेल, डाक, रक्षा, ईपीएफओ और ईएसआईसी समेत अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। इससे सरकार पर 2,791 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा। गैर-उत्पादकता से जुड़ा बोनस या तदर्थ बोनस केंद्र सरकार के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को दिया जाता है। इससे 13.70 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इससे सरकार पर 946 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ आएगा।