नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। इस खबर का असर रेलवे में यात्रियों यात्रा करने वालों लाखों लोगों पर होगा। अभी नया साल आने वाला है ऐसे में इस समय यात्री अधिक संख्या में ट्रेन में यात्रा करते है। ऐसे में उनकी सुविधा के लिए रेलवे बोर्ड ने जानकारी देते हुए कहा ''रेलवे ने राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत तेजस और गतिमान ट्रेनों में पके हुए भोजन के साथ खानपान सेवाएं फिर से शुरू करने का फैसला किया है।'' इसके अलावा वातानुकूलित कोचों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी राहत भरी खबर है। उन्हें जल्द ही बेडरोल (चादर, कंबल, तौलिया और तकिया आदि) की सुविधा भी मिलने लगेगी। संबंधित अधिकारी बेडरोल की व्यवस्था फिर से शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं।
जानकारों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल से उपयोग लायक कंबल, चादर, तकिया और तौलिया आदि की संख्या पूछी है। ताकि, कम पड़ने पर यथाशीघ्र टेंडर की प्रक्रिया के तहत पर्याप्त बेडरोल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोन मुख्यालय से बेडरोल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित कर दिया है। कभी भी यात्रियों को बेडरोल उपलबध कराने का फरमान जारी हो सकता है। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।
190 नई ट्रेन शुरु करेगा रेलवे
रेलवे मालगाड़ी और यात्री गाड़ियों के अलावा पर्यटन क्षेत्र को समर्पित एक तीसरे अनुभाग की शुरुआत कर रहा जिसके तहत करीब 190 थीम आधारित ट्रेनें चलाएगा जिन्हें ‘भारत गौरव ट्रेन’ कहा जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इसकी जानकारी दी थी। रेल मंत्री ने कहा था कि इन ट्रेनों का संचालन निजी क्षेत्र और आईआरसीटीसी, दोनों ही कर सकते हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘ये नियमित ट्रेनें नहीं हैं जो समय-सारणी के हिसाब से चलें। हमने इन थीम-आधारित ट्रेनों के लिए 3,033 रेल डिब्बों या 190 ट्रेनों को चिह्नित किया है। यात्री और मालगाड़ी अनुभाग के बाद हम भारत गौरव ट्रेनों के लिए पर्यटन सेगमेंट शुरू कर रहे हैं। ये ट्रेने भारत की संस्कृति और धरोहर को दर्शाएंगी। हमने आज से उनके लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।’’
उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह विचार रखा और थीम पर आधारित ट्रेनों का सुझाव दिया ताकि देश की जनता भारत की धरोहर को समझ सके और उसे आगे बढ़ा सके। वैष्णव के अनुसार इन ट्रेनों का किराया व्यावहारिक रूप से टूर संचालक तय करेंगे लेकिन रेलवे सुनिश्चित करेगा कि भाड़े में विसंगतियां नहीं हों। उन्होंने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की सरकारों ने इन ट्रेनों में रुचि दिखाई है।
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