नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि देश की सार्वजनिक परिवहन निकाय रेलवे में भारी निवेश तथा नई टेक्नोलॉजी लाना समय की मांग है और इसके बिना भारतीय रेलवे कहीं आगे नहीं जा सकेगी। उन्होंने कहा, रेलवे में निवेश की जरूरत है। चीन में रेलवे में सालाना निवेश 9-10 लाख करोड़ रुपए है, जबकि यहां यह 40,000 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि निवेश की कमी के कारण रेलवे को परिवहन कारोबार के अवसरों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, इस कारण (निवेश की कमी के कारण) ट्रेफिक अन्य क्षेत्रों को जा रहा है। इसलिए हमने रेलवे में निवेश बढ़ाने का फैसला किया है और यह निवेश आने वाले वर्षों में बढ़ेगा।
यह भी पढ़ें- रेलवे ने शुरू की भारत दर्शन टूरिस्ट ट्रेन, 830 रुपए प्रतिदिन के खर्च पर कर सकेंगे तीर्थ यात्रा
भारतीय रेलवे की तुलना अमेरिका की रेल रोड सेवा एमट्रेक से करते हुए प्रभु ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार एमट्रेक निवेश की कमी के कारण ही पटरी से उतर गई। हमें एमट्रेक से सीखना होगा। उन्होंने निवेश नहीं किया इसलिए उनका भविष्य धूमिल रहा। निवेश पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा, एक अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार निवेश के अभाव का असर भारतीय रेलवे पर भी हो रहा है, जैसा कि एमट्रेक के साथ हुआ था। रेलवे में निवेश की जरूरत है।
रेल परिचालन में टेक्नोलॉजी की महत्ता को रेखांकित करते हुए प्रभु ने कहा, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ दुनिया की नई व श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी आनी चाहिए। लेकिन हम हमेशा ही टेक्नोलॉजी का आयात नहीं करें। टेक्नोलॉजी के विकास के लिए अनुसंधान व विकास केंद्र होने चाहिए।
Latest Business News