नई दिल्ली। भारतीय रेल ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कागज के कम इस्तेमाल को लेकर एक और पहल की है। भारतीय रेल के केटरिंग और टूरिज्म कार्पोरेशन यानि IRCTC के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहली मार्च से देशभर में i-Ticket की बुकिंग पर रोक लगा दी गई है। रेलवे ने करीब 16 साल पहले यानि 2002 में i-Ticket की शुरुआत की थी।
जिस तरह से IRCTC की वेबसाइट से e-Ticket की बुकिंग होती है उसी तरह से i-Ticket भी बुक किया जाता था। लेकिन e-Ticket बुक करने वाले यात्री को टिकट की जानकारी SMS से भेज दी जाती है साथ में यात्री चाहे तो टिकट का प्रिंट भी ले सकता है। लेकिन i-Ticket में ऐसा नहीं होता, i-Ticket बुक होने के बाद रेलवे खुद यात्री के घर पर काउंटर टिकट की तरह दिखने वाला टिकट पहुंचाता है, इसके लिए रेलवे अलग से पैसे वसूल करता था। स्लीपर या सेकेंड क्लास के टिकट के लिए रेलवे 80 रुपए और AC क्लास के टिकट के लिए 120 रुपए प्रति टिकट की वसूली करता था। i-Ticket को यात्रा से 2-3 दिन पहले बुक करना पड़ता था।
IRCTC सूत्रों के मुताबिक अब देश में प्रिंट किए हुए टिकट का दौर खत्म हो गया है, साल 2011 से रेलवे ने SMS के जरिए मिलने वाले टिकट की जानकारी को भी मान्य टिकट कर दिया है, यात्री को उस जानकारी को सत्यापित करने के लिए महज अपना पहचान पत्र दिखाना होता है। ऐसे में अब i-Ticket की जरूरत ही नहीं बची है ऐसे में इसे बंद करने का फैसला किया गया है।
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