IRCTC पर रेलवे ने लिया यू-टर्न, सरकार के साथ सुविधा शुल्क बांटने का फैसला लिया वापस
पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.8 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया था। वहीं आय 41 प्रतिशत गिरी थी
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को अपने उस फैसले को वापस लेने का संकेत दिया है, जिसमें उसने आईआरसीटीसी द्वारा सुविधा शुल्क के माध्यम से जुटाई गई राशि में से 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार को देने का निर्णय लिया था। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने शुक्रवार को कहा कि रेल मंत्रालय ने ट्रेन टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर आईआरसीटीसी द्वारा अर्जित सुविधा शुल्क को साझा करने के अपने फैसले को वापस लेने का फैसला किया है। दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा, "रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क पर फैसला वापस लेने का फैसला किया है।"
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने गुरुवार को कहा था कि रेल मंत्रालय ने उसे अपनी वेबसाइट पर बुकिंग से होने वाले अपने राजस्व का 50 प्रतिशत हिस्सा भारतीय रेल के साथ साझा करने के लिए कहा है। ग्राहकों से वसूले जाने वाले सुविधा शुल्क से आईआरसीटीसी के लिए एक बड़े राजस्व का सृजन होता है। शुल्क रेल किराए का हिस्सा नहीं है। यह आईआरसीटीसी द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सेवा के लिए वसूला जाता है।
सूत्रों ने बताया कि अब यह फैसला वापस लिया जाएगा। आईआरसीटीसी ग्राहकों से लिये जाने वाले सुविधा शुल्क का आधा हिस्सा सरकार को सौंपेगा। आईआरसीटीसी ने आज इस बारे में शेयर बाजार को जानकारी दी। कंपनी ने शेयर बाजार को भेजे एक पत्र में कहा कि रेल मंत्रालय ने कंपनी के द्वारा सुविधा शुल्क में जुटाई गई रकम को 50:50 के अनुपात में बांटने को कहा है। ये फैसला पहली नवंबर से लागू होगा। कंपनी पहली नवंबर को ही दूसरी तिमाही के नतीजे भी जारी करेगी।
आईआरसीटीसी अपनी वेबसाइट के जरिये सेवाएं लेने वाले ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेती है, अब तक इस आय का 100 प्रतिशत हिस्सा आईआरसीटीसी के खाते में रहता था। हालांकि अब इसका आधा हिस्सा सरकार को देना होगा। बाजार के जानकारों की माने तो इससे कंपनी की अपनी आय में तेज गिरावट आने का अनुमान है, क्योंकि सुविधा शुल्क कंपनी की कुल आय में काफी बड़ा हिस्सा रखता है। आईआरसीटीसी टिकट की बुकिंग के साथ कैटरिंग सर्विस भी देती है। इसके साथ ही आईआरसीटीसी टूरिज्म से जुड़े स्पेशल पैकेज और सर्विस भी ऑफर करती है।
रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत सीपीएसई के पहले तिमाही के नतीजों पर कोरोना की दूसरी लहर का असर देखने को मिला था। पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.8 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया था। वहीं आय 41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 338.8 करोड़ रुपये के स्तर पर था। कंपनी के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 31 मार्च 2021 को खत्म हुए वर्ष में आईआरसीटीसी ने कुल 299 करोड़ रुपये सुविधा शुल्क के रूप में कमाये थे। कोविड के असर वाले इस साल में ऑपरेशंस से आय 783 करोड़ रुपये थी। जबकि एक साल पहले सुविधा शुल्क 350 करोड़ रुपये के स्तर पर थे, जबकि ऑपरेशंस से कुल आय 2264 करोड़ रुपये के स्तर पर थे।