नयी दिल्ली। IRCTC की रेवेन्यू शेयरिंग से जुड़े एक बड़े फैसले को सरकार ने 24 घंटों के भीतर ही पलट दिया है। सरकार ने आईआरसीटीसी द्वारा सुविधा शुल्क के माध्यम से जुटाई गई राशि में से 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार को देने का निर्णय लिया था। इस खबर के बाद IRCTC के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन सरकार के यूटर्न के बाद अब शेयरों में रिकवरी दिखाई दे रही है।
निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने शुक्रवार को कहा कि रेल मंत्रालय ने ट्रेन टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर आईआरसीटीसी द्वारा अर्जित सुविधा शुल्क को साझा करने के अपने फैसले को वापस लेने का फैसला किया है। दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा, "रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क पर फैसला वापस लेने का फैसला किया है।"
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा था कि रेल मंत्रालय ने उसे अपनी वेबसाइट पर बुकिंग से होने वाले अपने राजस्व का 50 प्रतिशत हिस्सा भारतीय रेल के साथ साझा करने के लिए कहा है। ग्राहकों से वसूले जाने वाले सुविधा शुल्क से आईआरसीटीसी को बड़ा राजस्व मिलता है। शुल्क रेल किराए का हिस्सा नहीं है। यह आईआरसीटीसी द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सेवा के लिए वसूला जाता है।
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