नई दिल्ली। जापान से बिजली से चलने वाले हाई पावर के 200 रेल इंजनों की खरीद बातचीत अटक गई है। रेलवे और इंजन सप्लाई करने वाले जापानी ग्रुप में बीच कीमत को लेकर मतभेद हैं। ये इंजन प्रस्तावित पश्चिमी विशेष माल ढुलाई मार्ग (डब्ल्यूडीएफसी) की माल गाडियों के लिए खरीदे जाने हैं। रेलवे डब्ल्यूडीएफसी के लिए 9000 हार्सपावर क्षमता के 200 बिजली रेल इंजिन खरीदने पर विचार कर रहा है। कर्ज की शर्तों के तहत ये इंजिन जापान से खरीदे जाने हैं।
कीमत को लेकर अटकी बात
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम 200 बिजली रेल इंजन की खरीद के लिए जापानी ग्रुप से बातचीत कर रहे हैं। जापानी कंपनियों ने जो कीमत बताई है वह ऊंची है जिस पर हम सहमति नहीं जता रहे हैं। इंजनों का यह सौदा लगभग 4500 करोड़ रुपए का अनुमानित है। इंजनों की पहली खेप अनुबंध जारी होने के बाद दो साल में मिलने की संभावना है। जापानी ग्रुप में पांच कंपनियां – कावासाकी, तोशिबा, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक और मित्सुबिशी कॉरपोरेट- शामिल हैं।
फाइनेंसिंग की पूरी जिम्मेदारी जापानी एजेंसी पर
डब्ल्यूडीएफसी का फाइनेंसिंग पूरी तरह से जापानी एजेंसी जिका कर रही है, जबकि पूर्वी डीएफसी का आंशिक वित्तपोषण वर्ल्ड बैंक ने किया है। रेलवे को रेल इंजिन खरीदने का ठेका पिछले साल दिसंबर तक ही देना था लेकिन कीमत के मुद्दे से इसमें देरी हो गई। अधिकारी ने कहा,हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया आएगा और उसी के हिसाब से अनुबंध जारी किया जाएगा।
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