रघुराम का जाना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपशुकन: विशेषज्ञ
कुछ चर्चित अर्थशास्ति्रयों और पूर्व नीति नियामकों की राय में भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन का जाना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपशकुन होगा।
नई दिल्ली। कुछ चर्चित अर्थशास्ति्रयों और पूर्व नीति नियामकों की राय में भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन का जाना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपशकुन होगा, क्योकि दुनिया यह मानेगी कि देश में मुद्रास्फीति और वसूल नहीं हो रहे ऋणों के खिलाफ सख्ती की नीति की इजाजत नहीं है।
शिकागो विश्वविद्यालय बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में राजन के सहयोगी लुईगी जिंगल्स ने इसे भारत के लिए भारी नुकसान बताया है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर गीता गोपीनाथ ने कहा कि उन्हें गहरी निराशा हुई है कि सरकार राजन को जोड़े रखने की कोई बड़ी कोशिश करने के बजाय उन्हें उनके खिलाफ ऐसी तमाम अप्रिय टिप्पणियों के बीच उन्हें जाने दे रही है जिनमें भारतीय हितों के प्रति राजन की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए गए हैं।
भारतीय मूल के अर्थशास्त्री और ब्रितानी लेबर पार्टी के नेता मेघनाद देसाई ने कहा कि वह विदेशों में भारत की छवि को लेकर दु:खी हैं। विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने राजन को रिजर्व बैंक के अब तक के सबसे बेहतरीन गर्वनरों में से एक बताया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री रहे 53 वर्षीय राजन ने कल रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की अटकलों पर अपना निर्णय सार्वजनिक किया और आरबीआई के अपने सहकर्मियों के नाम एक संदेश में कहा कि वह अपने कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार के साथ परामर्श के बाद यह निर्णय किया है। राजन ने कहा कि वह पुन: अध्ययन अध्यापन की अपनी पुरानी दुनिया में लौटना चाहते है।उनका मौजूदा कार्यकाल चार सितंबर 2016 को खत्म हो रहा है।
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राजन के बुनियादी बदलावों से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा: उद्योग जगत
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के मुश्किल समय पर जाने से चिंतित भारतीय उद्योग जगत ने चिंता जताई है पर उसका कहना है कि रिजर्व बैंक प्रमुख के रूप मे राजन ने जो बुनियादी सुधार किए हैं उनके सकारात्मक नतीजे आगे चलकर दिखाई देंगे। उद्योग जगत का कहना है कि वैश्विक कारक भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए कई तरह के जोखिम पैदा कर रहे हैं। उद्योग मंडल एसोचैम ने उम्मीद जताई कि राजन को अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा जाएगा। हालांकि, एसोचैम ने इसके साथ ही कहा कि जिस तरह से सार्वजनिक रूप से इस मुद्दों पर बहस छिड़ी उससे बचा जा सकता था।
एक अन्य उद्योग मंडल फिक्की का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था में राजन का योगदान एक अच्छा उदाहरण है और उन्हें उनके शानदार काम के लिए हमेशा याद किया जाएगा। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने बयान में कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार राजन द्वारा गवर्नर के रूप में किए गए अच्छे कामों को आगे बढ़ाने के लिए जल्द अच्छा हाथ मिल जाएगा। नेवतिया ने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर बैंकिंग नियमनों, मौद्रिक नीति तथा विनिमय दरों में कई तरह के बुनियादी बदलाव लेकर आए, जिनसे आगे चलकर अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से फायदा होगा।
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