कोलकाता। बैंकों के बढ़ते नॉन पर्फोर्मिंग एसेट्स(एनपीए) से परेशान आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने देश के बड़े उद्योगपतिायों को आड़े हाथ लिया है। कोलकाता में केन्द्रीय बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद राजन ने आज कहा कि देश के बड़े उद्योगपतियों के पास बैंक की कर्ज वसूली में बाधा पहुंचाने की ताकत है। जिसके चलते बैंक कंपनी से अपना पैसा वसूल नहीं कर पाते। और एनपीए का स्तर तेजी से बढ़ता जाता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज बैंकों से कहा कि उन्हें कर्ज वसूली के काम में तेजी लानी चाहिये और इसे आगे के लिये नहीं टालना चाहिये।
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ताकतवर हैं देश के इंडस्ट्रियलिस्ट
राजन ने कहा कि बड़े कंपनी मालिकों के पास बैंकों की कर्ज वसूली कारवाई में बाधा डालने की ताकत है। बड़े कंपनी मालिक काफी मजबूत हैं और वह कारवाई में बाधा खड़ी कर सकते हैं। यही कारण है कि बैंकों का बहुत बड़ा धन इन कॉर्पोरेट्स के पास पड़ा है। जिसे बैंक वसूल नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कुछ मामलों में बैंक कारवाई करने में देरी करते रहे हैं। इसके साथ ही इस काम में कई तरह की अड़चनें भी हैं।
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बैंकों के पास भी हैं वसूली के कई तरीके
राजन ने कहा कि बैंकों के पास पुराने फंसे कर्ज की समस्या से निपटने के लिये कई तरीके हैं। उन्होंने कहा कि विचार यह है कि हिसाब किताब पूरा करने को आगे के लिये टालें नहीं बल्कि बैंकों को वसूली प्रक्रिया को तेज करना चाहिये। बैंकों की बढ़ती कर्ज में फंसी राशि विशेषतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बढ़ती ऐसी राशि सरकार और रिजर्व बैंक के लिये चिंता का विषय बनी हुई है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कल ही आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रपये के कर्ज का कथित तौर पर भुगतान नहीं करने के मामले में यू बी समूह के चेयरमैन विजय माल्या से पूछताछ की।
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