नई दिल्ली। सरकार ने लंबे समय से फ्रांस के साथ चल रही 36 राफेल फाइटर जेट के सौदे को आज अपनी मंजूरी दे दी। 7.878 अरब यूरो वाले इसे सौदे के समझौते पर शुक्रवार को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाएंगे। वे 22 सितंबर को दिल्ली आ रहे हैं। इस सौदे के लिए बातचीत 1999-200 में शुरू हुई थी। राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू हो जाएंगे। सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था। राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है।
- पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 अरब यूरो बताई थी।
- इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो कीमत 8.6 अरब यूरो पर आकर टिकी।
- अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की कीमत 7.87 अरब यूरो तय की गई।
- एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपए होगी।
- इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी। इसका निशाना अचूक है।
- डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी। फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा।
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