खाड़ी देश कतर ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठनों में से एक ओपेक से अलग होने की घोषणा कर दी है। कतर के ऊर्जा मंत्री साद अल-काबी ने सोमवार को ओपेक से अलग होने का एलान किया। यह निर्णय अगले साल जनवरी से लागू होगा। ऊर्जा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका की तलाश में है और अपने लिए दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रहा है। इसे देखते हुए कतर ने ओपेक से अलग होने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इस घोषणा से पहले फैसले की जानकारी ओपेक को दे दी गई है।
बता दें कि ओपेक (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़) पेट्रोलियम उत्पादक 14 देशों का संगठन है। इसमें अल्जीरिया, अंगोला, ईक्वाडोर, इरान, ईराक, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नाइजीरिया, लीबिया तथा वेनेजुएला, गैबन, इक्वेटोरियल गुआना शामिल हैं। इसकी स्थापना सन 1960 में हुई थी। इस संगठन का मुख्यालय विएना में है जहाँ सदस्य देशों के तेल मंत्रियों की समय-समय पर बैठक हुआ करती है। ये संगठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के उत्पादन तथा कीमतों का निर्धारण करता है।
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