COVID-19 : गोल्ड ज्वेलरी की मांग 11 साल के निचले स्तर पर, पहली तिमाही में 41% घटी बिक्री
कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरी तिमाही में इससे भी बुरा होगा, क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ाया गया है और स्थितियां सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से वर्ष 2020 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत में स्वर्ण आभूषण की मांग में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारत में स्वर्ण आभूषण की मांग 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। 2020 की पहली तिमाही में 73.9 टन स्वर्ण आभूषणों की बिक्री हुई है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा है कि हालांकि तिमाही की शुरुआत में वैवाहिक सीजन की वजह से स्वर्ण आभूषण की मांग में तेजी आई थी लेकिन फरवरी मध्य से स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में तेजी आने से उपभोक्ताओं के पीछे हटने से मांग में गिरावट आई थी। तिमाही के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से बाजार पूरी तरह बंद हो गए।
मार्च में मांग 60-80 प्रतिशत तक घट गई। पहली तिमाही में सोने की औसत कीमत 41,124 रुपए प्रति दस ग्राम रही, जो सालाना आधार पर 26.6 प्रतिशत अधिक थी। 2020 की पहली तिमाही में सोने की कीमत में निरंतर तेजी बनी रही और इसने अपने पहले के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। कमजोर रुपए की वजह से मार्च में घरेलू सोने की कीमत सर्वकालिक ऊंचाई 44,315 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ने के बाद लोगों ने गैर-आवश्यक वस्तुओं पर खर्च एकदम बंद कर दिया, जिसकी वजह से सोने की मांग में अचानक गिरावट आई। मध्यम वर्ग शहरी उपभोक्ता और ग्रामीण उपभोक्ताओं ने सोने की खरीद को लेकर अधिक सतर्कता बरती। इससे मार्च की शुरुआत से ही आभूषण विक्रेताओं के यहां ग्राहकों की संख्या तेजी से घटने लगी।
आरबीआई द्वारा 27 फरवरी से 7 मार्च 2020 के बीच 13 शहरों में किए गए सर्वे के अनुसार तिमाही के पहले दो महीनों में उपभोक्ता विश्वास थोड़ा बढ़ा था, लेकिन इसके बाद सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य और घरेलू आय को लेकर निराशा बढ़ने लगी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा है कि पहली तिमाही में स्वर्ण आभूषण की मांग बहुत अधिक प्रभावित हुई है लेकिन हमारा मानना है कि कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरी तिमाही में इससे भी बुरा होगा, क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ाया गया है और स्थितियां सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।