खातों में लग रही हेराफेरी, 1,123 करोड़ रुपए घाटे का अनुमान: रिको
संकटग्रस्त फर्म रिको इंडिया ने कंपनी के खातों में हेराफेरी की संभावना को स्वीकार करते हुए कहा कि उसके खातों में हेराफेरी की गई लगती है।
नई दिल्ली। संकटग्रस्त फर्म रिको इंडिया ने कंपनी के खातों में हेराफेरी की संभावना को स्वीकार करते हुए कहा कि उसके खातों में हेराफेरी की गई लगती है और उसने 31 मार्च 2016 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,123 करोड़ रुपए घाटे का अनुमान लगाया है। रिको इंडिया जापान की इमेजिंग व इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की भारतीय अनुषंगी है।
इस बीच इस भारतीय अनुषंगी की एक प्रवर्तक कंपनी रिको कंपनी लिमिटेड ने घाटे के लिए कंपनी के पुनर्पूंजीकरण का प्रस्ताव किया है। भारतीय इकाई के इस खुलासे के बाद इसके प्रवर्तक ने इस इकाई तथा उन कुछ अधिकारियों के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है, जिन पर उसे कुप्रबंधन में संलिप्त होने का संदेह है। अपनी याचिका में प्रवर्तक ने सांविधिक प्राधिकारों को रिको इंडिया लिमिटेड के खिलाफ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से रोकने तथा शेयर में कारोबार बहाल करने की अपील की है। इस इकाई के खिलाफ सेबी सहित विभिन्न एजेंसियों तथा नियामक पहले ही जांच कर रहे हैं। प्रवर्तक कंपनी ने जहां घाटे के लिए रिको इंडिया के पुनर्पूंजीकरण का प्रस्ताव किया है वहीं सूत्रों का कहना है कि कंपनी की कुछ प्रवर्तक इकाइयों के साथ साथ मौजूदा व पूर्व शीर्ष प्रबंधन कर्मी पहले ही मौजूदा नियामक जांच के दायरे में हैं।
रिको इंडिया का कहना है कि वह यह खुलासा वह अपनी आंतरिक जांच के बाद कर रही है। कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति तथा कंपनी के कुछ अधिकारियों की संभवत: भूमिका के आकलन के लिए यह जाचं करवाई थी। आडिट फर्म प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने पाया कि रिको इंडिया का वित्तीय बयान (एक अप्रैल 2015 से 30 सितंबर 2015) कंपनी की स्थिति को उचित व सच्चे ढंग से परिलक्षित नहीं करता। रिको इंडिया ने शेयर बाजारों को सूचित किया है, जांच के अनुसार ऐसा लगता है कि खातों में हेरफेर किया गया है और कंपनी के एकाउंटिंग सिद्धांतों व मानकों का उल्लंघन हुआ है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के प्रबंध निदेशक व सीईओ मनोज कुमार ने अपै्रल में त्यागपत्र दे दिया था क्योंकि उन्हें छुट्टी पर जाने को कह दिया गया था।
यह भी पढ़ें- जापान को पछाड़ भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला देश, 41 लाख बैरल रोजाना होता है कंज्यूम
यह भी पढ़ें- Jaitley in Japan: बेहद मजूबत है इंडियन इकोनॉमी, जापानी निवेशकों को इंवेस्टमेंट का दिया न्यौता