PwC इंडिया देगी 10 हजार नौकरियां, जानिये कहां और किसे मिलेंगे अवसर
कंपनी अगले पांच वर्षों में भारत में 1,600 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी वहीं इस समय कंपनी के भारत में लगभग 15,000 कर्मचारी हैं।
नई दिल्ली। वैश्विक परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी इंडिया ने बुधवार को कहा कि वह अगले पांच साल में भारत में 1,600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी तथा 10,000 और नौकरियों का सृजन करेगी। पीडब्ल्यूसी इंडिया ने अपनी नई कारोबारी रणनीति 'द न्यू इक्वेशन' की घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी इसी समयावधि में अपनी कैंपस भर्ती में पांच गुना वृद्धि करेगी। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 'द न्यू इक्वेशन' रुझानों के विश्लेषण और हजारों ग्राहकों और हितधारकों के साथ की गयी बातचीत पर आधारित है।
1600 करोड़ रुपये निवेश की योजना
पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्यक्ष संजीव कृष्ण ने कहा, “भारत का आर्थिक बुनियादी ढांचा मजबूत है, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में यह एक बड़ा लाभ है। हमारी नयी रणनीति हमें और हमारे ग्राहकों को देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, घरेलू बाजार की क्षमता का दोहन करने और व्यापक रूप में समाज के लिए अधिक अवसर पैदा करने में सक्षम बनाएगी।" इसमें कहा गया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में भारत में 1,600 करोड़ रुपये तक का निवेश करने और 10,000 से अधिक अतिरिक्त नौकरियां पैदा करने की कोशिश करेगी - इनमें से एक बड़ा हिस्सा डिजिटल, क्लाउड, साइबर, एनालिटिक्स और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों से जुड़ा होगा। इस समय कंपनी के भारत में लगभग 15,000 कर्मचारी हैं।
पेटीएम भी देगी बड़ी संख्या में नौकरियां
वहीं हाल ही में डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने ऐलान किया कि व्यापारियों को डिजिटल माध्यम को अपनाने के बारे में शिक्षित करने के लिए पूरे भारत में करीब 20,000 फील्ड सेल्स कार्यकारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नौकरी से जुड़े पेटीएम के एक विज्ञापन के अनुसार, फील्ड सेल्स एक्जिक्यूटिव (एफएसई) के पास मासिक वेतन और कमीशन में 35,000 रुपये और उससे अधिक कमाने का अवसर होगा। कंपनी एफएसई के रूप में युवाओं और स्नातकों को नियुक्त करना चाहती है। एक स्रोत ने कहा, "पेटीएम ने एफएसई को काम पर रखना शुरू कर दिया है। यह अवसर उन लोगों के लिए है जो या तो 10वीं, 12वीं कक्षा पास कर चुके हैं या स्नातक हैं। यह छोटे शहरों और कस्बों में रोजगार सृजन में मदद करेगा, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने महामारी के दौरान नौकरी खो दी है।"
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