नई दिल्ली। नई सरकार के गठन से पहले ही सरकारी बैंकों के विलय की एक और खबर सामने आई है। अगले तीन महीनों में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा दो से तीन छोटे सरकारी बैंकों का अपने में विलय करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। विलय किए जाने वाले बैंकों में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी), आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं।
इससे पहले अप्रैल में ऐसी खबरें आई थीं कि पीएनबी में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) का विलय हो सकता है। सरकार एनपीए के बोझ से दबे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत सुधारने के प्रयास में जुटी हुई है। इसके तहत छोटे और कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का आपस में विलय कर उन्हें मजबूत बनाया जा रहा है।
इस साल की शुरुआत में पहली बार सरकार ने देना बैंक और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया था। इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। इससे पहले एसबीआई ने अपने 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था।
इस साल फरवरी में सरकार ने 12 सरकारी बैंकों को आरबीआई की त्वरित सुधार कार्रवाई (पीसीए) से बाहर निकालने के लिए 48,239 करोड़ रुपए के पुर्नपूंजीकरण की घोषणा की थी। पीसीए में रखे जाने के बाद आरबीआई ने इन सभी बैंकों को नया कर्ज देने से रोक दिया था।
इन 12 बैंकों में शामिल हैं इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, सिंडीकेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक।
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