चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को अनुबंध के तहत अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये बिजली की आपूर्ति नहीं करने वाली निजी क्षेत्र की विद्युत कंपनियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने राज्य की विद्युत कंपनी पीएसपीसीएल को उन निजी कंपनियों के साथ किये गये एकतरफा बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने या उस पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया, जिन्होंने अनुबंध के तहत धान की बुवाई और गर्मी के मौसम में अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये बिजली की आपूर्ति नहीं की।
मुख्यमंत्री ने पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (मानसा) के साथ अपने पीपीए को रद्द करने का निर्देश दिया, जो कि राज्य के सबसे बड़े निजी तापीय बिजली घरों में से एक है। उन्होंने कहा कि टीएसपीएल के साथ पीपीए पूरी तरह से कंपनी के पक्ष में है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सिंह ने पीएसपीसीएल को पूर्ववर्ती शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार के शासन में विभिन्न स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के साथ किये गये सभी पीपीए की जांच करने के लिए भी कहा, जो मूल रूप से धान की बुवाई और गर्मी के मौसम के दौरान बिजली की मांग को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे।
वास्तव में, कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के भीतर इस बात का दबाव है कि वह पूर्व शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार के शासन में किये गये एकतरफा और ‘गलत’ पीपीए को रद्द करे।