#Relief: कीमत में आ सकती है तेज गिरावट, जब्त दाल को बाजार में रिलीज करने के बाद और आयात की तैयारी
आने वाले दिनों में दाल की कीमत में तेजी गिरावट देखने की संभावना है। सरकार सप्लाई बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में दाल इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में दाल की कीमत में तेज गिरावट आने की संभावना है। इससे महंगाई की मार झेल रहे लोगों को कुछ राहत मिलेगी। सरकार सप्लाई बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में दाल इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है। दूसरी ओर सरकार ने दालों के 1.3 लाख टन जब्त स्टॉक में से अब तक 51,000 टन स्टॉक रिटेल बाजार के लिए रिलीज कर दिया है। इसके अलावा सरकार का ध्यान बंदरगाह पर पड़ी आयातित दालों पर भी है। इन सबके बीच दालें 178 रुपए प्रति किलो के स्तर पर बनी हुई हैं। अक्टूबर में दाल की कीमतें 250 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थीं।
सप्लाई को बढ़ाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने की बैठक
गुरुवार को वाणिज्य मंत्रालय ने आने वाले महीनों में दलहन की जरूरत के मुताबिक आयात की मात्रा को तय करने और वैश्विक बाजार में सप्लाई को लेकर बैठ की है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, सरकार दलहनों के आयात पर नजर रखे है जहां आयातित दलहन बंदरगाहों पर पड़े हैं। उन्होंने कहा, बैठक में आयातित दलहनों की आवश्यकता के बारे में और घरेलू बाजार में इसे वितरित करने के बारे में समीक्षा की गई। भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन फिर भी उसे अपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 40 से 50 लाख टन दलहनों का आयात करना पड़ता है।
जब्त स्टॉक से 51,000 टन दाल आई बाजार में
सरकार ने रिटेल मार्केट में दालों की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को काबू में रखने के लिए दालों के 1.3 लाख टन जब्त स्टॉक में से अब तक 51,000 टन रिलीज कर दिया है। जमाखोरी के खिलाफ चलाए गए अभियान में जब्त की गई दालों में से 51,732.77 टन दाल नीलामी और दूसरे उपायों के जरिए बाजार में जारी की गई है। महाराष्ट्र ने 43,778.88 टन दाल बाजार में उतारी है जबकि राज्य सरकार ने छापों के दौरान 86,709.39 टन दालें जब्त की थी। कर्नाटक सरकार ने 25,545.82 टन जब्त की गई दाल में से अब तक 1,483 टन ही जारी की है।
घट सकती हैं दाल की कीमतें
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट वेद प्रकाश शर्मा के मुताबिक सरकार ने जमाखोरों से जब्त की गई दालें खुले बाजार में बेचने के लिए आवंटित की है इसका असर कीमतों पर जरूर देखने को मिलेगा। पिछले साल समान्य से कम बारिश की वजह से दालों का उत्पादन 10 फीसदी से ज्यादा घट गया था। इसके कारण घरेलू बाजार में मांग और अापूर्ति के बीच अंतर बढ़ने से दालों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं। सरकार ने हाल के दिनों में भारी मात्रा में दाल का आयात भी किया है साथ ही आपूर्ति बढ़ाने के लिए अतिरिक्त दाल आयात करने पर विचार कर रही है।