मुंबई। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग ने कहा कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बासेल तीन के अनुपालन के लिए अगले तीन साल में 2.5 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की जरूरत होगी। एजेंसी की ऋण विश्लेषक गीता चुग ने कहा, काफी पूंजी की जरूरत है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बासेल तीन नियमों को पूरा करने के लिए 2500 अरब रुपए की जरूरत है।
गीता चुग ने कहा कि जिन बैंकों की अधिक मात्रा में संपत्ति पर दबाव है, वे बाजार से धन नहीं जुटा सकते और पूंजी के लिए सरकार पर निर्भर रहना होगा। गीता ने कहा कि अन्य टियर-1 बांड (शेयर पूंजी) जैसे उपाय हैं जिसे अभी लोकप्रिय होना बाकी है। हालांकि अगर बैंक जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहते हैं, उनकी बाजार हिस्सेदारी कम हो सकती है क्योंकि वे नए ऋण मांग को पूरा करने में असमर्थ होंगे।
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने की घोषणा के बाद बैंकों से बाजार के जरिए धन जुटाने की योजना के बारे में ब्योरा देने को कहा है। इसमें सार्वजनिक पेशकश और गैर-प्रमुख संपत्ति की बिक्री शामिल है। सूत्रों ने कहा, पूंजी डाले जाने से बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। इससे बैंकों को बाजार से कोष जुटाने में मदद मिलेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य वित्त अधिकारियों की वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में बैंकों को बाजार से कोष जुटाने के बारे में विस्तृत ब्योरा देने को कहा गया।
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