नई दिल्ली। सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2020 तक 1.2 लाख करोड़ रुपए डालने की जरूरत होगी, ताकि उनकी बैलेंस शीट सुधारी जा सके और उन्हें जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जा सके। यह कहना है मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेस का। यह सरकार की पीएसयू बैंकों में 45,000 करोड़ रुपए की अतिरिकत पूंजी डालने की योजना के मुकाबले कहीं अधिक है।
मूडीज ने कहा कि बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता अगले 12 महीने तक दबाव में रहेगी और अपेक्षाकृत प्रावधान से मुनाफा सीमित रहेगा और आंतरिक पूंजी सृजन भी सीमित रहेगा। मूडीज ने कहा, मार्च 2016 में समाप्त वित्त वर्ष में उनके नतीजों के मद्देनजर मूडीज के विश्लेषण से स्पष्ट है कि उन 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, जिनका वह साख निर्धारण करती है, को 2020 तक करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है, जो सरकार द्वारा बजट में निर्धारित 45,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के प्रवाधान से बहुत अधिक है।
कीमत घटने से भारत के गैस आयातकों को हो रहा है फायदा: नोमुरा
भारत के प्रमुख गैस आयतकों को एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) की कीमत घटने से फायदा हो रहा है और आने वाले कुछ महीनों में जोरदार मुनाफे की उम्मीद है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कही। नोमुरा ने अपनी वैश्विक बाजार अनुसंधान रिपोर्ट में कहा, पिछले साल सबसे खराब प्रदशर्न के बाद गेल जोरदार वापसी के लिए तैयार है।
गेल को घरेलू बाजार में प्राकृतिक गैस की कमतर कीमत, आयात और पेट्रोरसायन उत्पादों की कीमत में हालिया तेजी से फायदा हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को रासगैस के साथ एलएनजी के संशोधित अनुबंध मूल्य से फायदा हुआ है जिसके मुताबिक यह अनुमानत: पांच डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होगा, जो पिछले साल के मुकाबले 60 फीसदी कम है।
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