नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों में 1,463 इकाई के अवरुद्ध ऋण खातों पर प्रत्येक पर 100 करोड़ रुपए से उससे अधिक का बकाया है। केवल भारतीय स्टेट बैंक में ही 265 खातों पर 100 करोड़ रुपए प्रत्येक से अधिक का बकाया है। सितंबर तिमाही तक बैंक के इस तरह के खातों पर कुल मिलाकर 77,538 करोड़ रुपए का बकाया था।
राष्ट्रीयकृत बैंकों में ऐसे फंसे कर्ज वाले एनपीए खातों के लिहाज से पंजाब नेशनल बैंक पहले स्थान पर है। उसके 143 से अधिक एनपीए खातों पर 100 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। कुल मिलाकर इन खातों पर 45,973 करोड़ रुपए बकाया है।
पीएनबी के बाद 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया वाले एनपीए खातों की संख्या के लिहाज से केनरा बैंक का नंबर आता है। जहां तक छोटे पीएसयू बैंकों का सवाल है तो यूनियन बैंक में ऐसे 79 खाते, ओरियंटल बैंक में 68 खाते व यूको बैंक में 62 खाते हैं। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आखिर में सार्वजनिक बैंकों की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां 7.34 लाख करोड़ रुपए थीं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कई बैंकों से कहा है कि वे ऐसे 12 खातों को ऋण शोधन प्रक्रिया के लिए भेजने की सिफारिश की है जिनमें बकाया राशि 5000 करोड़ रुपए से अधिक है और 60 प्रतिशत या अधिक को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जा चुका है।
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