नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान देश में सार्वजनिक निवेश (सरकार द्वारा किया जाने वाला निवेश) 21 फीसदी बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर प्राइवेट सेक्टर, जिसकी कुल निवेश मांग में हिस्सेदारी 75 फीसदी है, के निवेश में गिरावट आई है। एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में यह आंकड़े जारी किए हैं और इस ट्रेंड को कम उत्साहजनक बताया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र, राज्य, स्थानीय सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निवेश 2015-16 में 21 फीसदी बढ़ा है, जो पिछले दो सालों का एक नया रिकॉर्ड है। वहीं प्राइवेट इन्वेस्टमेंट (परिवार और कॉरपोरेट) सालाना आधार पर 1.4 फीसदी घटा है। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चूंकि कुल निवेश मांग में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी 75 फीसदी है इसलिए कुल निवेश वृद्धि 4 फीसदी के निचले स्तर पर रही, जबकि पिछले दो दशक का निवेश वृद्धि का औसत 8 फीसदी रहा है।
वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि आगे प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में और गिरावट नहीं आएगी। हालांकि, इसमें पुनरोद्धार की रफ्तार सुस्त रहेगी। आगे चलकर भारत की बढ़ती उपभोग मांग और सरकार द्वारा लगातार निवेश से प्राइवेट इन्वेस्टर्स को बल मिलेगा। सातवें वेगन आयोग के लागू होने और बेहतर मानसून से आगे मजबूत मांग दिखाई पड़ रही है, जिससे बहुत से सेक्टर को फायदा होगा।
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