नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बीते वित्त वर्ष 2020-21 में बाजार से रिकॉर्ड 58,700 करोड़ रुपये का कोष जुटाया है। बैंकों ने यह राशि ऋण और इक्विटी के रूप में अपने पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए जुटाई है। इस राशि में मुंबई के बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये जुटाई गई 4,500 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। पंजाब नेशनल बैंक ने निजी नियोजन के आधार पर शेयर बिक्री से 3,788 करोड़ रुपये जुटाए। इसी के साथ बेंगलुरु के केनरा बैंक ने क्यूआईपी से 2,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई।
शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना के आधार पर ये आंकड़े जुटाए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्यूआईपी की सफल श्रृंखला से पता चलता है कि घरेलू और वैश्विक निवेशकों का सरकारी बैंकों और उनकी क्षमता में भरोसा है। इसके अलावा 12 सरकारी बैंकों ने टियर एक और टियर दो बांड से धन जुटाया। इस तरह बैंकों द्वारा बाजार से जुटाई गई राशि का आंकड़ा 58,697 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति सुधरी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 31 मार्च, 2019 तक 7,39,541 करोड़ रुपये थीं, जो 31 मार्च, 2020 तक घटकर 6,78,317 करोड़ रुपये पर और 31 मार्च, 2021 तक (अस्थायी) और घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये पर आ गईं। इसके चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2020-21 में 31,816 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया। यह पांच साल में सबसे अधिक है। हालांकि, इस दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
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