चेन्नई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के एक संगठन ने 26 दिसंर को राष्ट्र व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह संगठन तत्तकाल वेतन संशोधन की मांग और सरकारी बैंकों के आपस में विलय का विरोध करने के लिए हड़ताल पर जा रहे हैं।
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने गुरुवार को बताया कि सरकार के साथ समझौता वार्ता विफल हो जाने के बाद सरकारी और निजी बैंकों के करीब 10 लाख बैंककर्मी 26 दिसंबर को हड़ताल करेंगे। ये लोग बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के खिलाफ भी आंदोलन कर रहे हैं।
एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटाचलम ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली में हुई समझौता वार्ता के दौरान अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त ने तीनों बैंकों और आईबीए (इंडियन बैंक एसोसिएशन) को सलाह दी कि वे यूनियन के साथ बातचीत करें और यूनियन की चिंताओं से सरकार को अवगत कराएं।
वेंकटाचलम ने कहा कि आईबीए का कहना है कि सरकार की तरफ से अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। इसलिए समझौता वार्ता विफल हो गई है और हम 26 दिसंबर की हड़ताल पर कायम हैं। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के तहत आनेवाले बैंकिंग क्षेत्र की नौ यूनियनों में से एक एआईबीईए भी है।
वेंकटाचलम के मुताबिक, यह हड़ताल सिर्फ बैंकों के विलय के खिलाफ है और आईबीए के साथ वेतन संशोधन वार्ता पर कोई गतिरोध नहीं है। वहीं, एआईबीईए ने कहा कि भारत में अभी तक बैंकिंग सुविधाएं सभी जगहों पर ठीक से पहुंची भी नहीं हैं। ऐसे में बैंकों के विलय से उनकी शाखाएं बंद हो जाएंगी, जबकि फोकस बैंकों के बड़े-बड़े कर्ज की वसूली पर होना चाहिए।
22 दिसंबर को सेकेंड सटरडे और 23 दिसंबर को रविवार का अवकाश है। इसके बाद बैंक 24 दिसंबर को खुलेंगे। 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी है और 26 दिसंबर को हड़ताल हो जाने से बैंक बंद रहेंगे।
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