नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर (GST) की ऊंची दर, सब्सिडी में कटौती और वैश्विक स्तर पर कीमतों में वृद्धि के चलते पोटेशियम क्लोराइड म्यूरिएट ऑफ पोटाश-एमओपी की खुदरा कीमत बढ़ने की संभावना है। जीएसटी पहली जुलाई से लागू करने की योजना है। यह भी पढ़े: नए फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना, देश में पैदा होगा 27.33 करोड़ टन अनाज
महंगा हो सकता है खाद
मौजूदा समय में एमओपी की बिक्री 11,000 रुपए प्रति टन की दर पर होती है। जुलाई 2016 में वैश्चिक बाजार को देखते हुए इसे घटाकर 5,000 रपये प्रति टन कर दिया गया था। इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. एस. गहलौत ने कहा, एमओपी की कीमत में इस वर्ष बढ़ोत्तरी की संभावना है क्योंकि उवर्रकों की लागत में संभावित बढ़ोत्तरी हुई है। लागत इसलिए बढ़ सकती है क्योंकि सरकार ने उवर्रकों के लिए जीएसटी की दर 12 फीसदी तय की है।यह भी पढ़े: केन्द्र ने राज्यों से कृषि कोष का 30 प्रतिशत महिला किसानों पर खर्च करने को कहा
इसलिए बढ़ सकती है कीमतें
उन्होंंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार के इस मद में सब्सिडी कटौती करने और वैश्विक बाजार में कीमत बढ़ने से कंपनियां एमओपी की खुदरा कीमत में संशोधन के लिए मजबूर हो सकती हैं। गहलौत ने कितनी कीमत वृद्धि होगी उस बारे में कुछ नहीं बताया और कहा कि उवर्रक मंत्रालय इस पर विचार करेगा।यह भी पढ़े: सामान्य मानसून से कृषि जीडीपी की वृद्धि दर 3-4 प्रतिशत रहने का अनुमान, किसानों की बढ़ेगी आय
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