सियोल। दक्षिण कोरिया में सरकारी वकीलों ने इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग के उत्तराधिकारी ली जेई-यांग के खिलाफ अदालत में दलील दी है कि उन्हें रिश्वत के मामले में 12 साल कैद की सजा सुनाई जाए। इस मामले की वजह से ही पिछली राष्ट्रपति पार्क जेयून-ही को महाभियोग के बाद पद से हटना पड़ा था। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के उपाध्यक्ष जेई-यांग के मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान आज अभियोजकों ने कहा कि इन घोटालों मुख्यत: लाभ उन्हें ही मिला है। यदि अदालत सजा की मांग से सहमत होती है तो यह देश में किसी कंपनी के शीर्ष अधिकारी को मिली सबसे कड़ी सजा होगी।
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जेई-यांग और सैमसंग के उनके चार सहयोगियों पर पूर्व राष्ट्रपति की एक विश्वासपात्र सहेली को लाखों डॉलर की रिश्वत देने का आरोप है ताकि एक सौदे में आसानी हो सके। यह सौदा 2015 में हुआ था और इसको लेकर भारी विवाद रहा। अभियोजकों ने कहा, अभियुक्त ने नजदीकी संबंध बनाए और इसका निजी लाभ उठाया। सैमसंग दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन विनिर्माता और कोरिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
जेई-यांग के खिलाफ अन्य अपराधों के अलावा विदेश में अपनी संपात्ति छिपाए रखने के भी आरोप हैं। अभियोजकों ने उसे 12 साल, उसके सह-आरोपी को 10 साल और सुनवाई के अंतिम अभियुक्त के लिए सात साल कैद की सजा की मांग की है। इस मामले में पहली बार अपने बचाव में बोलते हुए यांग ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि सैमसंग समूह में व्यापक पैमाने के निर्णयों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और उन्होंने अधिकतर अन्य कार्यकारियों की ही बातें ही सुनीं।
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यांग के वकीलों का कहना है कि लगाए गए आरोप अनुचित हैं और अभियुक्तों ने कभी भी दान किए गए धन के बदले में किसी तरह का कोई लाभ लिया है। इस मामले में इस माह के अंत तक फैसला आने की उम्मीद है।
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