नई दिल्ली। देशभर में 1401 कंपनियों ने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सितंबर अंत तक इन कंपनियों के खिलाफ मुकदमे शुरू किए गए हैं। श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि और अन्य उपबंध अधिनियम 1952 के तहत चालू वित्त वर्ष में सितंबर अंत तक कुल 1401 कंपनियों के खिलाफ मुकदमे शुरू किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 2014-15 में कंपनियों द्वारा पीएफ कंट्रीब्यूशन में डिफॉल्ट करने के कारण कानून के तहत 1491 मुकदमे चल रहे हैं। 2013-14 में इनकी संख्या 414 और 2012-13 में 317 थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय इन डिफॉल्टिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कानून के तहत इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के अलावा ईपीएफओ भारतीय दंड संहिता की धारा 406/409 के तहत भी कार्रवाई करेगा। मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन से पीएफ का पैसा काटने के बाद भी उसे ईपीएफओ के पास जमा न कराना एक आपराधिक मामला है। धारा 406 के अनुसार जो कोई भरोसा तोड़ने का अपराध करता है उसे अधिकतम तीन साल की कैद और आर्थिक जुर्माने की सजा या दोनों हो सकती हैं।
मंत्री ने आगे बताया कि इस साल 23 नवंबर तक कानून के तहत कुल 1348 मामले अपीलेट ट्रिब्यूनल के पास दर्ज कराए गए हैं। 2014 में ऐसे मामलों की संख्या 1384 और 2013 में 884 थी। उन्होंने बताया कि 1237 मामले अपीलेट अथॉरिटी के पास लंबित पड़े हैं, जबकि 2014 में इनकी संख्या 921 और 2013 में 525 थी।
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