नई दिल्ली। वित्त अधिनियम 2018 की धारा 137 के तहत किए गए संशोधन के बाद एक जनवरी 2016 से भारत के राष्ट्रपति का मासिक वेतन पांच लाख रुपये तय किया गया है। वहीं राज्यों के राज्यपाल को हर माह 3,50,000 रुपये वेतन प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन दिनों अपने पैतृक गांव के दौरे पर हैं, जिसकी खूब चर्चा हो रही है क्योंकि राष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ पहली बार रेल मार्ग से कानपुर की यात्रा पर गए हुए हैं। इसी यात्रा के दौरान झींझक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोगों को बताया कि भारत में राष्ट्रपति सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला व्यक्ति है। उन्हें हर माह 5 लाख रुपये का वेतन मिलता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सब जानते हैं, राष्ट्रपति देश का सबसे ज्यादा सलैरी लेने वाला कर्मचारी है और वो टैक्स भी देता है। हम टैक्स भी देते हैं पौने तीन लाख रुपए महीना। और जो बचा उससे अधिक तो हमारे अधिकारी और दूसरों को मिलता है। रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने गांव पहुंचे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महाराजा एक्सप्रेस से सफर कर रहे हैं।
कितना है राष्ट्रपति का वेतन जानिए इधर
इनकम टैक्स प्रोफेशनल अमित कुमार पादल ने बताया कि भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्र व राज्य के मंत्री, सांसद और विधायक भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं लेकिन उन पर यह टैक्स वेतन से आय के मद में नहीं लगता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा के तहत भुगतान करने वाले और प्राप्तकर्ता के बीच एक नियोक्ता-कर्मचारी का संबंध होना चाहिए। लेकिन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद और विधायक का सरकार के साथ नियोक्ता-कर्मचारी का संबंध नहीं होता है, क्योंकि उनका निर्वाचन जनता द्वारा किया जाता है। सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति नहीं की जाती है। इसलिए ये लोग अन्य स्रोत से आय मद के तहत अपना आयकर जमा कराते हैं।
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