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Hindi News पैसा बिज़नेस विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोगों पर कसेगा शिकंजा, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी

विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोगों पर कसेगा शिकंजा, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी

भगोड़े आर्थिक अपराधी को भारत में कानूनी प्रक्रिया से बचने से और देश से भागने से रोकने में इस विधेयक की अहम भूमिका होगी।

President Kovind nod to Bill to deter fugitive economic offenders from fleeing country- India TV Paisa President Kovind nod to Bill to deter fugitive economic offenders from fleeing country

नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। भगोड़े आर्थिक अपराधी को भारत में कानूनी प्रक्रिया से बचने से और देश से भागने से रोकने में इस विधेयक की अहम भूमिका होगी। भगोड़ा आर्थिक अपराधी वह व्यक्ति होता है जिसके खिलाफ 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक मूल्य के चुनिंदा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया हो और वह आपराधिक अभियोजन से बचने को देश से बाहर चला गया हो। 

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इस नए कानून से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे, बड़े आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को देश से भागने और कानून से बचने से रोका जा सकेगा। माल्या और मोदी की आर्थिक अपराधों में तलाश है। दोनों ही देश छोड़कर जा चुके हैं। दोनों के मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। इस नए कानून के तहत प्राधिकृत विशेष अदालत को किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी बेनामी तथा अन्य संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होगा। 

यह कानून कहता है, ‘‘जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा।’’ भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में 25 जुलाई को पारित हुआ था। लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई को मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है। अदालतों में मामले बढ़ाना नहीं। उन्होंने कहा था कि कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय जांच एजेंसी का काम करेगा। 

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